अयोध्या : लोकप्रिय भोजपुरी लोक गायिका और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट नेहा सिंह राठौर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। लखनऊ में देशद्रोह के मुकदमे के बाद अब अयोध्या की एसीजेएम अदालत में उनके खिलाफ एक नया परिवाद दाखिल किया गया है। यह मामला पहलगाम आतंकी हमले पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी से जुड़ा है, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी।
आरोप है कि नेहा ने सोशल मीडिया पर गैर-जिम्मेदाराना बयान देते हुए दावा किया कि पहलगाम हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जानबूझकर करवाया, ताकि बिहार चुनाव में राजनीतिक लाभ लिया जा सके। इस बयान को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा साझा किए जाने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।
अयोध्या के ब्लॉक प्रमुख संघ के जिलाध्यक्ष शिवेंद्र सिंह ने वरिष्ठ अधिवक्ता मार्तंड प्रताप सिंह के माध्यम से यह परिवाद दाखिल किया। मार्तंड प्रताप सिंह ने कहा, “नेहा का बयान झूठा, भड़काऊ और देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। जब एक आतंकवादी देश का पूर्व पीएम उनकी पोस्ट को साझा करता है, तो यह गंभीर संदेह पैदा करता है। हमें लगता है कि नेहा का पाकिस्तान से संबंध हो सकता है।”
परिवाद में मांग की गई है कि नेहा के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा चलाया जाए और उन्हें कठोर सजा दी जाए। इससे पहले, लखनऊ के हजरतगंज थाने में भी उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर धार्मिक उन्माद फैलाने और राष्ट्रीय अखंडता को खतरे में डालने का आरोप लगा।
यह पूरा मामला अभिव्यक्ति की आजादी और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच टकराव का नया उदाहरण बन गया है। क्या नेहा सिंह राठौर की टिप्पणी केवल एक राजनीतिक व्यंग्य थी, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है? यह सवाल अब अदालत के सामने है, और देश की नजरें इस मामले के अगले फैसले पर टिकी हैं।
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