नई दिल्ली: औरंगजेब को लेकर उपजे विवाद के बाद नागपुर में हुई हिंसा को लेकर महाराष्ट्र पुलिस ने छह लोगों पर राजद्रोह और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीसीपी साइबर क्राइम लोहित मतानी के अनुसार, साइबर पुलिस की एफआईआर में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर प्रमुख फहीम खान समेत छह लोगों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इस बीच, छत्रपति संभाजीनगर जिला प्रशासन के निर्देश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने खुल्ताबाद में औरंगजेब के मकबरे के दो तरफ टिन की चादरें लगा दी हैं. बुधवार (19 मार्च) की रात को ढांचे के दो तरफ टिन की चादरें और तार की बाड़ लगाई गई.
ज्ञात हो कि सोमवार (18 मार्च) की रात को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के बाद नागपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें औरंगजेब की कब्र को हटाने का आह्वान किया गया था. हिंसा के दौरान कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, दुकानों में तोड़फोड़ की गई और पुलिस पर पथराव किया गया. वहीं विपक्षी नेताओं ने इस घटना को लेकर महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना करते हुए इस घटना को उनकी सरकार की घोर विफलता करार दिया था.
अदालत ने 17 आरोपियों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक स्थानीय अदालत ने नागपुर हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 17 लोगों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. आरोपियों को गुरुवार रात मजिस्ट्रेट मैमुना सुल्ताना के समक्ष पेश किया गया, जिस दौरान पुलिस ने उनकी सात दिनों की हिरासत मांगी. इन लोगों को गणेशपेठ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए अपराध ‘गंभीर प्रकृति के’ हैं और इसलिए उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है.
इसमें यह भी कहा गया कि चूंकि हिंसा में भीड़ शामिल थी, इसलिए पुलिस के लिए इस स्तर पर प्रत्येक आरोपी की विशिष्ट भूमिका बताना संभव नहीं होगा. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले की जांच प्रारंभिक चरण में है और गहन जांच अभी पूरी होनी है. सहायक लोक अभियोजक मेघा बुरंगे ने कहा कि अपराध के मास्टरमाइंड और मुख्य अपराधियों का पता लगाने के लिए आरोपियों से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. उन्होंने आगे कहा कि आरोपियों ने नागरिकों में आतंक फैलाया था और कुछ पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया था.