कांग्रेस के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल से कांग्रेस को संबंध तोड़ने की बात कही थी, इस पर राज्य सरकार के मंत्री श्रवण कुमार (Sharvan Kumar Big Statement) ने तीखा और राजनीतिक संकेतों से भरा जवाब दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह गठबंधन शुरू से ही स्वार्थ पर आधारित रहा है और ऐसे रिश्ते लंबे समय तक नहीं टिकते।
श्रवण कुमार ने कहा कि जेडीयू पहले दिन से यह बात कहती रही है कि कांग्रेस और आरजेडी का साथ कोई वैचारिक मजबूती नहीं बल्कि केवल राजनीतिक जरूरतों का परिणाम है। उनके मुताबिक जब गठबंधन का आधार सिद्धांत नहीं बल्कि फायदे-नुकसान की गणना हो, तो उसमें दरार आना तय है। उन्होंने कांग्रेस के भीतर चल रही असंतोष की आवाज़ों को उसी स्वार्थी राजनीति का नतीजा बताया।
विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी को लेकर चल रही चर्चाओं पर भी श्रवण कुमार ने कांग्रेस पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि मुकेश साहनी के बारे में जो कुछ कहा जा रहा है, उसकी सच्चाई कांग्रेस के नेताओं को ही बतानी चाहिए। यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से यह संकेत देता है कि महागठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है और सहयोगी दल एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश कर रहे हैं।
इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत को लेकर उठ रहे सवालों पर श्रवण कुमार ने मीडिया और विपक्ष दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसे सवाल पूछने से सरकार या जनता पर कोई फर्क नहीं पड़ता। यह सब टीआरपी और सुर्खियों के लिए किया जा रहा है। उनके अनुसार नीतीश कुमार पूरी तरह सक्रिय हैं और राज्य का प्रशासनिक कामकाज सुचारु रूप से चल रहा है।
नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की संभावनाओं पर श्रवण कुमार का बयान भी खासा चर्चा में है। उन्होंने कहा कि निशांत को राजनीति में आना चाहिए, लेकिन यह फैसला पूरी तरह व्यक्तिगत है और इसे निशांत तथा नीतीश कुमार दोनों को मिलकर लेना है।






















