ब्रासीलिया: कांग्रेस सांसद और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता शशि थरूर ने रविवार को ब्राजील पहुंचने के बाद अपनी यात्रा के अनुभव साझा किए। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक समर्थन दिलाने के लिए चल रही इस यात्रा में थरूर ने कहा कि अब तक की प्रतिक्रिया “बेहद सकारात्मक” रही है।
थरूर ने ब्राजील में मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम पांच देशों की यात्रा पर हैं। कोलंबिया सरकार ने पाकिस्तानी आतंकवादियों की मौत पर शोक जताने वाला अपना बयान वापस ले लिया, जिसके बाद हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। हम अब ब्राजील में हैं, जहां रविवार को थोड़ा आराम का दिन है, लेकिन इसके बाद हम पूरे दिन बैठकों में व्यस्त रहेंगे। इसके बाद हम अपनी यात्रा के अंतिम चरण के लिए वाशिंगटन जाएंगे।”
उन्होंने अपनी टीम की तारीफ करते हुए कहा, “मेरी टीम ने इस यात्रा में पूरी तरह से भाग लिया है। हम सभी इस प्रयास में बराबर के भागीदार हैं।” थरूर ने ब्राजील के रणनीतिक महत्व पर जोर देते हुए कहा, “ब्राजील इस क्षेत्र की एक बड़ी शक्ति है और हमारा ब्रिक्स साझेदार है। 2006 से हमने अपनी साझेदारी को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाया है। यह देश हमारे लिए बहुत मायने रखता है। भले ही वे अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नहीं हैं, लेकिन हमारी स्थिति से उन्हें अवगत कराना और संवाद के चैनल खुले रखना बेहद जरूरी है।
ऑपरेशन सिंदूर भारत सरकार की ओर से पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया एक अभियान है, जिसके तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 24 देशों की यात्रा पर भेजा। थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील जैसे देशों का दौरा कर रहा है।
थरूर ने यह भी बताया कि कोलंबिया में भारत द्वारा अपनी निराशा जाहिर करने के बाद वहां की सरकार ने अपना विवादास्पद बयान वापस ले लिया, जिसमें उसने पाकिस्तानी आतंकवादियों की मौत पर शोक व्यक्त किया था। इस घटना को भारत की कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हाल ही में जर्मनी में कहा था कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलता है और “कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।” भारत की यह कूटनीतिक पहल पहलगाम हमले के बाद सीमा पार आतंकवाद से निपटने की उसकी रणनीति का हिस्सा है।
ब्राजील में थरूर की यह यात्रा भारत-ब्राजील संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। ब्रिक्स के एक अहम सदस्य के रूप में ब्राजील के साथ भारत का यह संवाद आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
थरूर ने बताया कि ब्राजील में बैठकों के बाद उनका प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन के लिए रवाना होगा, जो उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा। इस दौरे का मकसद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और यूरोपीय संघ जैसे महत्वपूर्ण साझेदार देशों के साथ भारत की स्थिति को साझा करना और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट वैश्विक रुख को मजबूत करना है।