Shibu Soren Last Rites: नेमरा गांव में आज एक ऐतिहासिक और भावुक पल देखने को मिला, जहां झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता के प्रिय नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। राज्य के विभिन्न कोनों से आए लोगों ने अपने नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
आम से लेकर खास तक, सभी ने किया अंतिम दर्शन
शिबू सोरेन का निधन झारखंड की राजनीति और आदिवासी समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके अंतिम संस्कार के लिए नेमरा गोला में जुटे लोगों में राजनीतिक नेताओं से लेकर आम जनता तक शामिल थी। गुरुजी के साथ कई दशकों तक काम कर चुके कार्यकर्ताओं ने उन्हें याद करते हुए आंसू बहाए।
झारखंड आंदोलन के साथी याद कर रहे गुरुजी
झारखंड आंदोलन के दौरान शिबू सोरेन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ने वाले कई साथियों ने उनके पार्थिव शरीर के सामने श्रद्धासुमन अर्पित किए। समाजसेवी और मजदूर नेता खोगेन्द्र सांव ने गुरुजी के निधन की खबर सुनते ही भावुक होकर कहा कि वे सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि हमारे मार्गदर्शक थे। उनके साथ केडी मिश्रा, कमल शहजादा, रामेश्वरम महतो, दीपक मिश्रा, उमेश सांव, राजू वर्मा और विटा यादव जैसे कई लोग मौजूद रहे।
शिबू सोरेन की विरासत: झारखंड के निर्माण से लेकर समाज सुधार तक
शिबू सोरेन ने अपना पूरा जीवन झारखंड के आदिवासियों और वंचितों के अधिकारों के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने महाजन प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई। उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी विरासत झारखंड की राजनीति और समाज को प्रेरित करती रहेगी।