मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की संयुक्त तस्वीर छपने से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। यह तस्वीर कई सालों की दूरियों को पाटने का संकेत दे रही है, जिसके बाद गठबंधन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
घटनाक्रम
गुरुवार, 6 जून 2025 को उद्धव ठाकरे ने एक बयान में कहा था कि महाराष्ट्र के लोगों पर छोड़ा जाएगा कि वे गठबंधन का फैसला लें। यह बयान उनके और राज ठाकरे के बीच सुलह की संभावना को और बल देता है। दोनों नेताओं के बीच 2006 में तब मनमुटाव हुआ था, जब राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की स्थापना की थी। ‘सामना’ में उनकी तस्वीर इस ऐतिहासिक टकराव को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
पृष्ठभूमि
उद्धव ठाकरे, जो 2019 से 2022 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे, ने अपनी लोकप्रियता के बावजूद 2022 में एक राजनीतिक संकट के बाद पद छोड़ दिया था, जब एकनाथ शिंदे ने पार्टी के बहुमत के समर्थन के साथ विद्रोह किया था। शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को निर्वाचन आयोग ने 2022 में आधिकारिक शिवसेना माना, जिससे उद्धव की स्थिति कमजोर हुई।
दूसरी ओर, राज ठाकरे की MNS ने 2024 के विधानसभा चुनाव में सभी 135 सीटों पर हार का सामना किया, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति भी डगमगा गई।
विशेषज्ञ विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषक हेमंत देसाई का मानना है कि यह सुलह महाराष्ट्र की सत्ता संतुलन को बदल सकती है। “यदि उद्धव और राज साथ आते हैं, तो मुंबई के मराठीभाषी मतदाताओं का प्रभावशाली वोट बैंक उनके पक्ष में जा सकता है, जो एकनाथ शिंदे के लिए खतरा बन सकता है,” देसाई ने कहा।
इसके अलावा, सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में राज ठाकरे से मुलाकात की थी, जो इस सुलह के पीछे की रणनीति का हिस्सा हो सकती है।
आगे की संभावनाएं
यह तस्वीर और उद्धव का बयान महाराष्ट्र में नई राजनीतिक गठबंधन की शुरुआत का संकेत दे सकते हैं। हालांकि, एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों के लिए यह स्थिति चिंता का विषय है, जो पहले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ प्रशासनिक निर्णयों को लेकर असहज हैं। आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम पर सभी की नजरें टिकी होंगी।