सिक्किम में 11 सितंबर 2025 को मूसलाधार बारिश ने कई इलाकों में तबाही मचाई। राज्य के पश्चिमी हिस्सों में भूस्खलन की एक के बाद एक घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। इसी कड़ी में 72वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (SSB), युक्सुम की कम्पनी नम्बू के अंतर्गत अपर रिम्बी गांव में रात करीब 8:30 बजे हुए भीषण भूस्खलन ने दो घरों को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। इस हादसे में एक ही परिवार के पांच सदस्य मलबे में दब गए।

घटना के समय पूरे क्षेत्र में अंधकार, लगातार बारिश और अवरुद्ध मार्गों ने हालात को और भयावह बना दिया था। लेकिन ऐसे कठिन दौर में 72वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कमांडेंट जय प्रकाश के नेतृत्व में जवानों ने मानवीय संवेदनशीलता और अनुकरणीय साहस का परिचय देते हुए तत्काल राहत अभियान शुरू किया। ज़िलाधिकारी ग्यालसिंग के मार्गदर्शन और ज़िला प्रशासन के सहयोग से जवानों ने अर्धरात्रि में ही ऑपरेशन चलाया और दो घायल महिलाओं को बचाकर एसएसबी वाहन से ज़िला चिकित्सालय पहुंचाया।
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अगली सुबह जब राहत एवं बचाव अभियान फिर से शुरू हुआ तो ईश्वर की कृपा से एक 7 वर्षीय बच्ची मलबे से जीवित बाहर निकाली गई। यह बच्ची अपने दिवंगत पिता की बाहों में दबे होने के बावजूद सुरक्षित थी। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला चिकित्सालय गेजिंग भेजा गया, जहां से गंभीर हालत को देखते हुए गंगटोक रेफर कर दिया गया।
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स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और ज़िला प्रशासन ने SSB जवानों के साहस और त्वरित कार्रवाई की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उनका कहना है कि यह कार्य न केवल सैन्य अनुशासन का, बल्कि मानवीय संवेदनशीलता का भी उत्कृष्ट उदाहरण है। सिक्किम के इस दर्दनाक हादसे में SSB की तत्परता और निस्वार्थ सेवा ने न केवल एक मासूम की जान बचाई, बल्कि यह साबित किया कि संकट की घड़ी में सुरक्षाबल केवल सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा में भी हरदम तत्पर रहते हैं।
















