नई दिल्ली : दिल्ली के साकेत कोर्ट लॉकअप में गुरुवार को एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जिसमें एक विचाराधीन कैदी अमन की दो अन्य कैदियों, जितेंद्र और जयदेव, द्वारा हत्या कर दी गई। दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह हमला 2024 में हुई एक पुरानी रंजिश का नतीजा था, जब अमन ने कथित तौर पर जितेंद्र और उसके भाई पर चाकू से हमला किया था।
पुलिस ने बताया कि यह घटना साकेत कोर्ट के लॉकअप नंबर 5 में उस समय हुई, जब अमन को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। उस वक्त लॉकअप में कई अन्य विचाराधीन कैदी भी मौजूद थे। जितेंद्र और जयदेव, जो तिहाड़ जेल नंबर 8 में बंद थे और कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए थे, ने अमन पर हमला कर दिया। इस हमले में अमन की मौत हो गई।
साकेत कोर्ट लॉकअप की तस्वीर में एक छोटा, साधारण कमरा दिखाई देता है, जिसमें एक जालीदार दरवाजा, बिखरे हुए सामान जैसे एक प्लेट और कप, और एक वाटर डिस्पेंसर नजर आता है। यह तस्वीर उस तनावपूर्ण माहौल को दर्शाती है, जहां यह घटना हुई।
तिहाड़ जेल, जहां से जितेंद्र और जयदेव को लाया गया था, पहले से ही भीड़भाड़ की समस्या से जूझ रही है। दिसंबर 2023 के आंकड़ों के अनुसार, तिहाड़ जेल में 5,200 कैदियों की क्षमता के मुकाबले 14,059 कैदी बंद थे। विशेषज्ञों का मानना है कि जेलों में यह भीड़भाड़ और कैदियों के बीच तनाव इस तरह की हिंसक घटनाओं को बढ़ावा दे सकती है।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और दोनों आरोपियों, जितेंद्र और जयदेव, के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यह घटना कोर्ट परिसरों और जेलों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, खासकर विचाराधीन कैदियों को कोर्ट लाने-ले जाने के दौरान।
इस घटना ने एक बार फिर जेल सुधार और कैदियों की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।