चुनाव आयोग सोमवार शाम 4.15 बजे विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी देशभर में SIR की तारीखों को लेकर घोषणा करेंगे। बिहार में चुनाव से पूर्व मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम हो चुका है। इसको लेकर खूब राजनीति भी हुई है। अब पूरे देश में SIR कराये जाने को लेकर भी बिहार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “हम पहले भी यही कहते थे कि SIR की घोषणा एक राज्य के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए होनी चाहिए। जहां तक वोटर लिस्ट का सवाल है, तो उसमें एक पारदर्शिता की मांग है। बहुत लोग मर जाते हैं, लोगों का 2 जगह नाम होता है और बहुत लोग ऐसे हैं, जो बाहर से आए हैं, ऐसे लोगों का भी वोटर लिस्ट में नाम है। संविधान में यह है कि जो भारत में जन्मा है, उसी का वोटर लिस्ट में नाम होना चाहिए। राजनीति में शुद्धता के लिए SIR बहुत जरूरी है।”
शाहनवाज हुसैन ने कहा- SIR पूरे देश में होना चाहिए.. राहुल गांधी पर कसा तंज
चुनाव आयोग द्वारा पूरे देश में SIR के पहले चरण की घोषणा किए जाने की रिपोर्ट पर बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा, “चुनाव आयोग स्पष्ट कर चुका है कि वे पूरे देश में इसको लागू करेंगे। बिहार में ये सफल रहा। विपक्ष द्वारा हाय तौबा मचाया गया था। लेकिन ये सफल रहा। किसी वैध वोटर का नाम नहीं कटा। ये अच्छी परंपरा है और इससे सही वोटर निकल कर आएंगे।”
जेडी(यू) सांसद संजय झा ने कहा, “क्या किसी ने बिहार में SIR मुद्दे के बारे में सुना है? राहुल गांधी ने एक मुद्दा बनाने की कोशिश की और इसके नाम पर एक यात्रा निकाली। हमने उन्हें इस मुद्दे पर लड़ने का चैलेंज दिया, लेकिन वह भाग गए। चुनाव नजदीक हैं, उन्हें पता है कि उन्हें यहां कुछ नहीं मिलेगा – उनकी ‘दुकान’ में कुछ नहीं बचा है।”
दरअसल, चुनाव आयोग अगले हफ्ते से पूरे देश में SIR शुरू कर सकता है। इसकी शुरुआत 10-15 राज्यों से होगी। उन राज्यों में SIR पहले होगी, जहां अगले एक साल में विधानसभा चुनाव होना हैं। असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होना हैं।






















