बिहार में चल रहे मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) विवाद ने अब एक नया राजनीतिक मोड़ ले लिया है। संसद से लेकर सड़क और सुप्रीम कोर्ट तक जारी बहस के बीच भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर सीधा हमला बोला है। पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भारत की नागरिक बनने से पहले ही मतदाता सूची में दो बार अपना नाम दर्ज करा चुकी थीं।
अमित मालवीय के अनुसार, सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया गया था। उस समय वह इटली की नागरिक थीं और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक आवास 1, सफदरजंग रोड पर रह रही थीं। संशोधित मतदाता सूची में 1 जनवरी 1980 को अर्हता तिथि मानकर मतदान केंद्र संख्या 145 में क्रम संख्या 388 पर उनका नाम जोड़ा गया। उस समय मतदाता सूची में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी के नाम पहले से मौजूद थे।
मालवीय का कहना है कि यह पंजीकरण चुनावी कानूनों का उल्लंघन था, क्योंकि भारत में मतदाता बनने के लिए व्यक्ति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है। उन्होंने दावा किया कि 1982 में विरोध के बाद सोनिया गांधी का नाम सूची से हटा दिया गया, लेकिन 1983 में फिर से इसे जोड़ दिया गया। इस बार उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 140 पर क्रम संख्या 236 पर दर्ज था, और अर्हता तिथि 1 जनवरी 1983 थी। जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को ही प्राप्त हुई।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि यह चुनावी कदाचार का स्पष्ट उदाहरण है और सवाल उठाया कि राजीव गांधी से 15 साल पहले शादी करने के बावजूद सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिकता लेने में इतनी देरी क्यों की।
यह आरोप ऐसे समय में आया है जब राहुल गांधी SIR प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग और भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस प्रक्रिया के जरिए वोट चोरी की जा रही है। राहुल ने दावा किया कि डुप्लिकेट मतदाता, फर्जी पते, थोक पंजीकरण, अमान्य फोटो और फॉर्म-6 के दुरुपयोग से मतदाता सूची में हेरफेर हो रही है, जिससे विशेष रूप से अल्पसंख्यक और कमजोर वर्ग प्रभावित होंगे।


















