रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिहार के लिए रेल बजट 2025-26 की बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने बताया कि 2009-2014 के दौरान बिहार को रेलवे विकास के लिए औसतन 1,132 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 10,066 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यह राशि पिछली सरकार की तुलना में 9 गुना ज्यादा है।
बिहार को मिलेगी पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन
बिहारवासियों को जल्द ही पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिलेगी। अभी राज्य में 12 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, जो 15 जिलों से गुजरती हैं। इसके अलावा, पटना से दिल्ली के बीच स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना पर काम किया जा रहा है।
लोकल यात्रियों के लिए ‘नमो भारत’ ट्रेन
बिहार में लोकल यात्रियों की सुविधा के लिए पहली बार ‘नमो भारत’ ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
- पहले फेज में बिहार को 4 नमो भारत ट्रेनें मिलेंगी।
- इन ट्रेनों में 6 एसी कोच और 10 जनरल कोच होंगे।
- कम दूरी के शहरों के बीच यात्रा करना अब और आसान और आरामदायक होगा।
- पूरे देश में 50 ‘नमो भारत’ ट्रेनों के रैक तैयार किए जा रहे हैं।
रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगी मजबूती
बिहार में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर जोर दिया जा रहा है:
- 924 किलोमीटर रेल ट्रैक पर काम प्रगति पर है।
- 1,783 किलोमीटर की नई योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं।
- 86,458 करोड़ की लागत से 5,346 किलोमीटर नई रेल लाइन, दोहरीकरण और आमान परिवर्तन की 57 परियोजनाएं चल रही हैं।
‘अमृत भारत’ योजना के तहत 98 स्टेशनों का होगा पुनर्विकास
बिहार के 98 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इस योजना पर 3,164 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। पुनर्विकास में शामिल प्रमुख स्टेशन और उनकी अनुमानित लागत:
- गया – 296 करोड़
- मुजफ्फरपुर – 442 करोड़
- बापूधाम मोतिहारी – 205 करोड़
- सीतामढ़ी – 272 करोड़
- दरभंगा – 340 करोड़
बिहार में रेलवे पर हो रहा 90,000 करोड़ का निवेश
रेल मंत्री ने कहा कि बिहार में रेलवे के बुनियादी ढांचे को और मजबूत किया जा रहा है। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा, सुरक्षा और तेज यात्रा का लाभ मिलेगा।