आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने पार्टी कार्यालय सदाक़त आश्रम में प्रेस वार्ता कर चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर यह पुनरीक्षण प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी नहीं हुई, तो यह लोकतंत्र के मूल आधार – “समान मताधिकार” पर सीधा हमला होगा। कांग्रेस पार्टी हर उस साजिश का विरोध करेगी जो गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर करने की कोशिश कर रही है। हम हर मतदाता के अधिकार की रक्षा के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार में लोगों के वोट के अधिकार को छीनने की साजिश रची गई है। पहले चुनाव आयोग ने लोगों से कागज मांगे। अब चुनाव आयोग कह रहा है- कागज नहीं होने पर भी फॉर्म जमा हो जाएगा, लेकिन उसके बाद निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ERO) तय करेगा कि वोटर लिस्ट में नाम रहेगा या नहीं। चुनाव से ठीक पहले ये बिहार के लोगों के वोट के अधिकार को छीनने का षड्यंत्र है।
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सवाल है
- अगर ERO को ही सब तय करना है तो इस पूरी प्रक्रिया की प्रासंगिकता क्या रह गई?
- क्या इसकी वजह से चुन-चुनकर विचारधारा के आधार पर वोट नहीं काटे जा सकते, जिसका फायदा BJP और JDU को होगा
- अगर अंतिम निर्णय ERO की मर्ज़ी पर छोड़ा गया है, तो क्या बहुत बड़ी संख्या में BJP और JDU की सरकार दबाव बनाकर वोटर लिस्ट में मनमानी नहीं करेगी?
- ERO उन लोगों पर निर्णय कैसे लेंगे जो बिहार से बाहर काम करने गए हैं?
- ERO के हाथ में वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने की शक्ति देने से गरीब लोगों का शोषण बढ़ेगा। खुले तौर पर पैसों की उगाही और रिश्वतखोरी होगी।
चुनाव आयोग की इस पूरी प्रक्रिया में ही षड्यंत्र नजर आ रहा है। इसे तत्काल वापस लेना चाहिए। आखिर चुनाव से ठीक पहले ऐसी प्रकिया को करने की जरूरत ही क्या है? इससे जनता की परेशानी ही बढ़ रही है – बजाय बाढ़ जैसी आपदा के वक्त जनता की मदद करने, उनके सबसे ताकतवर अधिकार – उनके वोट पर ही हमला किया जा रहा है। इस प्रेस वार्ता के दौरान विधान परिषद में दल के नेता मदन मोहन झा, पूर्व विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद मिश्रा, मिडिया विभाग चेयरमैन राजेश राठौर, सोशल मीडिया विभाग चेयरमैन सौरभ सिन्हा, किसान सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विजय कुमार जी एवं अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।