बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभ्यास पर सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा लेकिन चुनाव आयोग से कोई जवाब नहीं मिला। सुप्रीम कोर्ट ने सलाह दी है कि आधार कार्ड, राशन कार्ड, जॉब कार्ड को शामिल किया जाए। जो हम कह रहे थे सुप्रीम कोर्ट ने वही बात चुनाव आयोग को कही है। वहीं बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में हाहाकार मचा हुआ है फिर भी नीतीश कुमार जी उफ तक नहीं कर रहे हैं।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम ने प्रेस कांफ्रेंस में वोटर लिस्ट संशोधन मुद्दे पर कहा कि बिहार में वोटबंदी पर दांव खेलने की जो कोशिश की गई थी 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उस पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जो बात कही है वह फैसला ऐतिहासिक है। एनडीए की सरकार जो 8 करोड़ वोटर्स के साथ अन्याय करने जा रही थी उस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रहार किया है।
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उन्होंने वोटर लिस्ट संशोधन के फैसले को वोटरों के साथ होने वाली निरंकुशता बताया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश बिहार के चक्काजाम आंदोलन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को भी इसमें शामिल करने के लिए कहा। यह आदेश चुनाव आयोग को मानना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चुनाव आयोग की मनमानी पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि आज हमारे पार्टी के प्रयास से चुनाव आयोग को बैकफुट पर आना पड़ा।