नई दिल्ली: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण कल यानी 29 मार्च को होने जा रहा है। यह खगोलीय घटना दुनिया के कई हिस्सों में लोगों को रोमांचित करने वाली है, लेकिन भारत के लिए यह आसमान का खेल सिर्फ खबरों तक ही सीमित रहेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 14 मिनट तक चलेगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य के एक हिस्से को ढक लेगा, जिससे उत्तरी गोलार्ध के कुछ इलाकों में दिन में हल्का अंधेरा छा जाएगा। खगोल प्रेमियों के लिए यह एक खास मौका है, क्योंकि यह ग्रहण यूरोप, उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में साफ दिखाई देगा। हालांकि, भारत, पाकिस्तान, नेपाल जैसे देशों में यह नजारा नहीं दिखेगा। नासा के मुताबिक, ग्रहण की शुरुआत अटलांटिक महासागर से होगी और यह उत्तरी साइबेरिया तक फैलेगा। इस दौरान सूर्य एक कटी हुई रोटी की तरह नजर आएगा, जो प्रकृति का एक अनोखा करिश्मा होगा।
क्यों खास है यह ग्रहण?
29 मार्च का यह सूर्य ग्रहण इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि इसी दिन शनि देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषियों का मानना है कि ग्रहों की यह चाल कुछ राशियों के लिए बदलाव का संकेत हो सकती है। खासकर मीन, सिंह और कर्क राशि वालों पर इसका असर पड़ सकता है। हालांकि, भारत में ग्रहण न दिखने की वजह से यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। फिर भी, परंपराओं को मानने वाले लोग इस दौरान सावधानी बरत सकते हैं।
क्या करें, क्या न करें?
हिंदू मान्यताओं में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है। भले ही यह भारत में न दिखे, लेकिन कुछ लोग इस दौरान खाना बनाने, खाने और शुभ कामों से परहेज कर सकते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान और दान करने की सलाह भी दी जाती है। वैज्ञानिक नजरिए से यह एक सामान्य खगोलीय घटना है, लेकिन इसे देखने के लिए खास चश्मों का इस्तेमाल जरूरी है, वरना आंखों को नुकसान हो सकता है।
दुनिया भर में उत्साह
उत्तरी अमेरिका और यूरोप में लोग इस ग्रहण को देखने के लिए तैयार हैं। कई जगहों पर खगोल वैज्ञानिक और शौकीन लोग टेलीस्कोप लेकर आसमान की इस सैर के लिए जुट रहे हैं। भारत में भले ही यह न दिखे, लेकिन सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल होने की उम्मीद है। तो तैयार रहें, क्योंकि भले ही हम इसे अपनी आंखों से न देख पाएं, लेकिन प्रकृति का यह खेल हमें हैरान करने के लिए काफी है!