बिहार की 75% आबादी कृषि पर निर्भर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य हर क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख रहा है। सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी बिहार ने अपनी क्षमता और संभावनाओं को साबित किया है। वर्तमान में राज्य में केवल 180 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में 11,000 मेगावाट तक सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है।
सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने “सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना” शुरू की है। इस योजना के तहत उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगवाने पर सब्सिडी दी जा रही है। योजना का उद्देश्य किसानों को निरंतर सिंचाई के लिए ऊर्जा उपलब्ध कराना और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करना है।
अब तक, 2 और 3 हॉर्स पावर के कुल 2,771 सोलर वाटर पंप स्थापित किए जा चुके हैं।
सोलर एनर्जी में निवेश की संभावनाएं
बिहार में सौर ऊर्जा निवेश का बड़ा केंद्र बन रहा है। बिजली कंपनियों ने सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए ऐसी व्यवस्था की है, जिसमें अगले 25 वर्षों तक उत्पादित ऊर्जा को खरीदने की गारंटी दी गई है। कैमूर और पश्चिमी चंपारण जैसे क्षेत्रों में स्टैंड-अलोन और मिनी-ग्रिड प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिनसे सैकड़ों गांवों को सौर ऊर्जा की आपूर्ति हो रही है।
जल-जीवन-हरियाली अभियान में योगदान
“जल-जीवन-हरियाली” अभियान के तहत, निजी और सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप प्लांट लगाए जा रहे हैं। इस योजना में केंद्र सरकार के अनुदान के साथ-साथ बिहार सरकार भी 25% अतिरिक्त अनुदान दे रही है। अब तक 643 घरों में 2.06 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं।
सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे गांव
राज्य के प्रत्येक गांव के हर वार्ड में औसतन 10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना पर काम जारी है। इसके अलावा, 20 मेगावाट ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।