सोनम रघुवंशी का भाई गोविंद रघुवंशी लौटकर सीधे राजा रघुवंशी के घर पहुंचा। उसने राजा की मां उमा की मां से मुलाकात की और सिर झुकाकर उन्हें प्रणाम किया। गोविंद ने कहा कि अगर उसकी बहन दोषी है तो उसे फांसी पर लटका देना चाहिए। गोविंद ने कहा कि अभी तक मिले सबूतों के अनुसार मुझे 100% यकीन है कि यह हत्या उसी ने की है। इस मामले में सभी आरोपी राज कुशवाह से जुड़े हैं। मैंने राजा के परिवार से माफी मांगी है। इस परिवार ने एक बेटा खोया है और हमने सोनम रघुवंशी से अपना रिश्ता तोड़ दिया है।

गोविंद ने कहा कि सोनम ये यह क्यों किया मुझे पता नहीं। इस परिवार ने अपना बेटा खो दिया, मैं इसके लिए दिल से माफी मांगता हूं। मैंने और हमारे परिवार ने सोनम से रिश्ता तोड़ लिया है। मेघालय पुलिस से हम माफी मांगते हैं। गोविंद ने कहा कि अगर मैं मेघालय जाऊंगा तो राजा को न्याय दिलाने के लिए, ना कि सोनम का साथ देने के लिए। इस केस में राजा को न्याय दिलाने के लिए वकील मेरी तरफ से होगा।
राज को सोनम राखी बांधती थी
गोविंद ने कहा कि राज कुशवाह हमारे यहां काम करता था, वो बस हमारा कर्मचारी था। उसके अनुसार सोनम राज को राखी बांधती थी। मंगलवार रात को मेरी सोनम से केवल 2 मिनट के लिए मुलाकात की, हमारी ज्यादा बात नहीं हो पाई। जितेंद्र रघुवंशी के नाम पर गोविंद ने कहा कि वो हवाला कारोबारी नहीं है। वो मेरी मौसी का लड़का है, हमारे यहां गोडाउन में काम करता है। हम ही उसका बैंक अकाउंट संचालित करते हैं। गोविंद ने यह साफ कर दिया कि इस मामले में उनकी बहन दोषी हो सकती है, लेकिन उनके परिवार का कोई दोष नहीं है। इसलिए वो राजा के घर पर आए हैं।
गोविंद से मिलकर यह बोली राजा की मां
राजा रघुवंशी की मां उमा ने कहा कि गोविंद ने मुझसे कहा कि सोनम का कसूर है तो मैं खुद उसे फांसी दिलवाऊंगा। मेरे अकाउंट से कोई रुपये नहीं निकले हैं। उसने कहा कि मां जी मुझे राजा को लेकर बहुत दुख हो रहा है, मुझे मेरी बहन सोनम को लेकर कोई दुख नहीं है, जितना राजा को लेकर है। गोविंद मेरी गोद में सिर रखकर रोया।
उमा रघुवंशी ने कहा कि गोविंद का कहना है कि अगर सोनम ने गलत किया है तो वो गलत है। सोनम को जो सजा देना हो वो दो मुझे उसके लिए कोई पछतावा नहीं है। मुझे केवल राज की मौत पर पछतावा हो रहा है। गोविंद ने कहा कि मुझे अगर पता होता कि सोनम ने शिलांग का टिकट करवाया है, तो उसे जाने नहीं देता। राजा की मां ने कहा कि राज को लेकर भी गोविंद को कोई जानकारी नहीं थी, वो केवल काम के सिलसिले में बात करता था।