नई दिल्ली : देश की वरिष्ठ राजनेता और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को पेट संबंधी तकलीफ के चलते शनिवार रात दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया। 78 वर्षीय गांधी को अस्पताल के उन्नत गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में निगरानी में रखा गया है, जहाँ विशेषज्ञों की टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार जांच कर रही है।
बता दें पिछले सप्ताह सोनिया गांधी की उच्च रक्तचाप की जांच की गई थी, और अब पेट संबंधी दिक्कतें उनके लिए चुनौती बन रही हैं। हालांकि, अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि उनकी हालत स्थिर है और जल्द ही सुधार की उम्मीद है।
सोनिया गांधी की बीमारी से जुड़ी खबर ने न सिर्फ राजनीतिक हलकों में, बल्कि आम जनमानस में भी चिंता की लहर पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं का सिलसिला जारी है, जो एक लोकतांत्रिक समाज में सार्वजनिक शख्सियतों के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है।
भारत का स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, जो 2023 तक 132 बिलियन डॉलर तक पहुँच चुका है, इस तरह की घटनाओं के माध्यम से बार-बार यह साबित कर रहा है कि देश अब न केवल बीमारियों से लड़ने में सक्षम है, बल्कि मेडिकल टूरिज़्म और वैश्विक चिकित्सा शिक्षा का केंद्र भी बन रहा है।
सरकार की ओर से किए गए नीतिगत सुधारों — जैसे अस्पतालों का आधुनिकीकरण, मेडिकल शिक्षा में निवेश और रिसर्च सुविधाओं को बढ़ावा देना — अब साकार रूप लेते दिखाई दे रहे हैं। सोनिया गांधी का इलाज उसी भरोसे की मिसाल है, जो भारत के नागरिक अब अपने देश की चिकित्सा प्रणाली पर रखने लगे हैं।
देश भर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थनाएँ जारी हैं। जैसे ही उनकी हालत से जुड़ी कोई नई जानकारी सामने आएगी, देश की नजरें उस पर टिकी रहेंगी।