बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के पूर्व प्रवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने कहा है कि 28 अगस्त, 2022 को पटना में आयोजित बीसीए की आमसभा में गोवा सरकार के पूर्व चुनाव आयुक्त डॉक्टर. एम. मोदस्सीर को बीसीए का इलेक्टोरल ऑफिसर बनाना संविधान के खिलाफ है। इस बैठक में सत्र 2022-25 का चुनाव इस आमसभा में हुआ है। इस मामले में संजीव कुमार मिश्रा ने कहा है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का संविधान यह मान्यता देता है कि बिहार सरकार का ही कोई पूर्व सदस्य बीसीए का इलेक्टोरल ऑफिसर बन सकता है। लेकिन डॉक्टर. एम. मोदस्सीर को बीसीए ने चुनाव अधिकारी बना कर अपने ही संविधान की धज्जियां उड़ा दी है।
बीसीए अध्यक्ष पर आरोप
श्री मिश्र ने कहा कि बीसीए से जुड़े जिला संघों को नये इलेक्टोरल ऑफिसर की नियुक्ति पर उठ रहे सवाल को दबाने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन दिये जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी अपना सिंहासन बचाने के लिए शतरंज की हर चाल चल रहे हैं। शह और मात का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल ऑफिसर की नियुक्ति में पूरी तरह से मनमानी की गई है और तरह-तरह से बीसीए के संविधान को नोंच कर रख दिया गया है। आरोप लगाया कि राकेश कुमार तिवारी जिस तरह से अपने कई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाते आ रहे हैं उसी तरह से बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को चला रहे हैं। बीसीए में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है और संविधान लगता है कि आईसीयू में चला गया है।
नियुक्ति रद्द नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे
संजीव कुमार मिश्र ने कहा कि बीसीए द्वारा नियुक्त किए गए नव नियुक्त इलेक्टोरल ऑफिसर डॉक्टर. एम. मोदस्सीर खुद किसी राज्य के चुनाव आयुक्त रह चुके हैं और वे इस तरह की गलती नहीं कर सकते हैं। लगता है बीसीए का संविधान को न तो उनको भेजा गया है और न ही तो वे बीसीए के संविधान को पढ़ पाये हैं। श्री मिश्र ने कहा कि बीसीए में इलेक्टोरल ऑफिसर की अवैध नियुक्ति को तत्काल रद्द किया जाए। अन्यथा मजबूरन बीसीए के संविधान की रक्षा एवं बिहार के लाखों क्रिकेटरों के भविष्य एवं खेल प्रेमियों की भावनाओं व क्रिकेट हित को ध्यान में रखते हुए माननीय न्यायालय जाना पड़ेगा।