गुजरात : गुजरात के जामनगर के जाम साहब शत्रुशल्यसिंहजी ने शुक्रवार को अपने वारिस के नाम की घोषणा की। पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा को नवानगर का अगला तत्कालीन जामसाहब घोषित किया गया। नवानगर के तत्कालीन महाराजा जामसाहब ने कल रात एक बयान जारी किया। अजय जडेजा रणजित सिंहजी और दिलीप सिंहजी के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें शुक्रवार को आधिकारिक रूप से वारिस घोषित किया गया। महान क्रिकेटर केएस रणजित सिंहजी 1907 से 1933 तक नवानगर के शासक रहे थे, और रणजी ट्रॉफी तथा दिलीप ट्रॉफी उनके नाम पर हैं। शत्रुशल्य सिंहजी खुद एक प्रथम श्रेणी क्रिकेटर थे और नवानगर के महाराजा की उपाधि पाने वाले अंतिम व्यक्ति थे।
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इस अवसर पर शत्रुशल्य सिंहजी ने कहा, “मुझे खुशी है कि अजय जडेजा नवानगर के नए जाम साहब बनेंगे। यह जामनगर के लोगों के लिए एक आशीर्वाद होगा।” अजय जडेजा जामनगर के निवासी हैं और नवानगर रियासत से जुड़े हैं साथ ही लंबे समय से जाम साहब के करीबी रहे हैं। उनकी नियुक्ति पहले से ही संभव मानी जा रही थी।वर्तमान जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी निसंतान हैं, इसलिए उन्हें अपने उत्तराधिकारी का चयन करना था। उन्होंने अजय जडेजा को चुना। शत्रुशल्य सिंहजी के पिता दिग्विजय सिंह 33 साल तक जाम साहब रहे, जबकि उनके चाचा रणजित सिंहजी ने उन्हें गोद लिया और अपना वारिस बनाया। बता दें कि, रणजित सिंहजी के नाम पर भारतीय क्रिकेट की प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी खेली जाती है।
क्रिकेट का सितारा और अब जाम साहब
अजय जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। उन्होंने 1992 से 2000 तक टीम का हिस्सा रहते हुए उपकप्तानी की। 53 वर्षीय जडेजा ने भारत के लिए 15 टेस्ट और 196 एकदिवसीय मैच खेले। वह शाही जामनगर परिवार के वंशज हैं। हालांकि, मैच फिक्सिंग के विवाद में उनका नाम आने के बाद उन पर क्रिकेट खेलने का बैन लगा, जिसे 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने हटा दिया। बावजूद इसके, वह फिर से क्रिकेट नहीं खेल पाए, लेकिन आईपीएल में विभिन्न टीमों के मेंटोर के रूप में कार्य किया। हाल ही में उन्होंने अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम की कोचिंग भी की।