भारतीय टेनिस की स्तर खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने संन्यास की घोषणा कर दी है। उनके मुताबिक दुबई में होने वाला टेनिस चैंपियनशिप उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। बता दें कि पिछ्ले 20 साल से वो टेनिस खेल जुड़ी हुई हैं। लेकिन अब उन्होंने अपने टेनिस करियर को अलविदा कहने का मन बना लिया है। फरवरी में होने वाले टेनिस चैंपियनशिप में वो अपना आखरी मैच खेलते हुए नजर आएंगी।
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पहले भी कर चुकी हैं संन्यास की घोषणा
बता दें कि सानिया मिर्जा ने साल 2022 के नत में भी संन्यास लेने की घोषणा की थी। पर कोहनी में चोट लगाने के वजह से वो बीते 6 महीने से कोई भी टूर्नामेंट नहीं खले सकी। यूएस ओपन सहित कई टूर्नामेंट से उन्हें अपना नाम वापस लेना पड़ा था। लेकिन अब वो दुबई में होने वाला टेनिस चैंपियनशिप खेलने के बाद संन्यास लेंगी। दरअसल 36 वर्षीय सानिया मिर्ज़ा ने टेनिस एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा है कि “मैं ईमानदारी से कहूं तो मैं जो इंसान हूं, मुझे अपनी शर्तों पर काम करना पसंद है। इसलिए मैं चोट के कारण बाहर नहीं होना चाहती।”
सानिया मिर्जा का करियर
सानिया ने अपने करियर की शुरुआत 1999 में विश्व जूनियर टेनिस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर की। उसके बाद उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय मैचों में शिरकत की और सफलता भी पाई। सानिया मिर्जा ने 16 साल की उम्र में हैदराबाद में 2002 के भारत के राष्ट्रीय खेलों में टेनिस में महिलाओं का स्वर्ण पदक जीता। वर्ष 2003 उनके जीवन का सबसे रोचक मोड़ बना जब भारत की तरफ से वाइल्ड कार्ड एंट्री करने के बाद उन्होंने विम्बलडन में डबल्स के दौरान जीत हासिल की। वर्ष 2005 के अंत में उनकी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग 42 हो चुकी थी जो किसी भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा थी। मई, 2006 में पाँचवीं वरीयता प्राप्त सानिया मिर्ज़ा को 2 लाख अमेरिकी डालर वाली इंस्ताबुल कप टेनिस के दूसरे ही राउंड में हार का मुँह देखना पड़ा।
दिसम्बर 2006 में दोहा में हुए एशियाई खेलों में उन्होंने लिएंडर पेस के साथ मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक जीता। महिलाओं के एकल मुक़ाबले में दोहा एशियाई खेलों में उन्होंने रजत पदक जीता। वर्ष 2009 में वो भारत की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं। विबंलडन का यह खिताब जीत कर उन्होंने इतिहास रच डाला। वो आस्ट्रेलियन ओपन में हंगरी की पेत्रा मैंडुला को हराने के साथ ही किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के तीसरे राउंड में पहुँचने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी।
सानिया मिर्जा को मिला सम्मान
- अर्जुन पुरस्कार (2004)
- वर्ष के नव आगंतुक का डब्ल्यूटीए पुरस्कार (2005)
- पद्म श्री (2006)
- खेलों में उत्कृष्टता के लिए हैंदराबाद महिला दशक एचीवर्स अवार्ड (2014)
- चेन्नई में एम जी आर शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि (11 दिसम्बर 2008)