Srijan Scam Bihar: बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। 36 करोड़ 99 लाख रुपये की कथित हेराफेरी से जुड़े इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी और वर्तमान में कृषि विभाग के विशेष सचिव बीरेन्द्र प्रसाद यादव पर जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला न केवल बिहार की नौकरशाही पर सवाल उठाता है, बल्कि सरकारी धन के दुरुपयोग की गंभीरता को भी उजागर करता है।
मंगलवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार-2 की अदालत में आरोपी बीरेन्द्र प्रसाद यादव की मौजूदगी में आरोप पढ़े गए। उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 26 अगस्त 2025 तय की है और सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह अपने अभियोजन गवाहों को अदालत में पेश करे।
सृजन घोटाले का यह मामला 2014 से 2017 के बीच का है, जब मुख्यमंत्री विकास योजना के तहत जारी 36 करोड़ 99 लाख 33 हजार 548 रुपये को सरकारी खातों से निकालकर सृजन महिला विकास समिति के निजी खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था। जांच में सामने आया कि दो सरकारी बैंक खातों से दो चेक के जरिए 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार रुपये और 9 करोड़ 75 लाख 63 हजार रुपये, जबकि बैंक ड्राफ्ट के जरिए 5 करोड़ 50 लाख रुपये समिति के खाते में भेजे गए।
सीबीआई ने 2017 में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी और अब तक तीन चार्जशीट दाखिल की हैं। तीसरी चार्जशीट में बीरेन्द्र प्रसाद यादव को आरोपी बनाया गया। इस मामले में पहले ही कई अन्य आरोपियों, जिनमें समिति की तत्कालीन अध्यक्ष मनोरमा देवी की बहू रजनी प्रिया, सरिता झा, विश्वनाथ दत्ता, नवीन कुमार राय, एनवी राजू, ज्ञानेन्द्र कुमार, बंशीधर झा और सुबा लक्ष्मी प्रसाद शामिल हैं, पर भी आरोप तय किए जा चुके हैं।





















