संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी को शुरू हुआ महाकुंभ मेला ठीकठाक संचालित हो रहा था, लेकिन 28 जनवरी की रात भगदड़ मच गई। घटना में कई श्रद्धालुओं के मरने की जबकि कुछ के घायल होने की खबर है। कुंभ में हुई भगदड़ को लेकर अब विपक्ष व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहा है. बिहार में लालू यादव की पार्टी राजद ने राज्य और केंद्र सरकार से सवाल पूछे हैं तो उधर, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने मेले में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बदइंतजामी को ही भगदड़ के लिए जिम्मेदारी ठहराया है।

राजद ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सवाल उठाया है। शक्ति सिंह यादव ने कहा कि भगदड़ में लोगों की मौत पर पार्टी दुख व्यक्त करती है। साथ ही राज्य सरकार पर हमला करते हुए शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सनातन धर्म को लेकर जो लोग बड़ी-बड़ी बात किया करते थे सनातन धर्म के लोगों को गंगा स्नान के लिए सही तरीके से व्यवस्था नहीं दे पाए। उन्होंने कहा है कि भगदड़ में जितने भी लोगों की मौत हुई है उनके परिजनों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार 50-50 लाख रुपए मुआवजा दे।

अखिलेश यादव ने लिखा है कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे। हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना। श्रद्धांजलि!
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हमारी सरकार से अपील है कि:
- गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए।
- मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए।
- जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं।
- हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए।
- सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए।