शिक्षा विभाग का कमान संभालते ही के के पाठक ने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कई नए निर्देश दिए। स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों से लेकर विद्यार्थियों तक की उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। यहां तक की उन्होंने शिक्षकों की छुट्टीयों में कटौती कर दी। शिक्षकों को लेकर यहां तक निर्देश दे डाले की किसी भी शिक्षक से पढ़ाने के आलावा किसी और काम में नहीं लगाया जाएगा। हालांकि इसके बाद भी जातीय गणना से लेकर कबाड़ और बोरा भी शिक्षकों से बेचवाए गए। जिसके बाद शिक्षकों में के के पाठक को लेकर काफी आक्रोश है। यह आक्रोश तब दिखा जब स्कूल में छुट्टीयां तक कैंसिल की गई। शिक्षक संघ ने आंदोलन करने का भी ऐलान कर दिया है। हालांकि इससे उलट अब के के पाठक कके फरमान से नाराज होकर कई शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया है।
मामला भागलपुर से है जहां के के पाठक के फरमान से नाराज 107 टीचरों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। शिक्षकों का कहना है कि एक तरफ के के पाठक कहते हैं कि शिक्षक पढ़ाई-लिखाई के अलावा शिक्षक कोई दूसरा काम नहीं करेंगे वहीं दूसरी तरफ हमसे लगातार बीएलओ का काम कराया जा रहा है। ऐसे में हम लोगों ने बीएलओ पद से अब इस्तीफा दे दिया है। सभी ने एकमत होकर अपना इस्तीफा अनुमंडल पदाधिकारी को मेल कर दिया है।
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