असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने शुक्रवार को बताया कि पिछले 24 घंटों में दो और लोगों की मौत के कारण इस साल बाढ़ से मरने वालों की संख्या 30 हो गई है. प्राधिकरण ने कहा कि 12 जिलों- नागांव, कछार, मोरीगांव, दीमा हसाओ, गोलपारा, गोलाघाट, हैलाकांडी, होजई, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), कार्बी आंगलोंग पश्चिम, सोनितपुर के लगभग 5.61 लाख लोग अभी भी बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हैं।
5.61 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित
नगांव जिले में पिछले 24 घंटों में बाढ़ के पानी में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई। राज्य प्राधिकरण ने कहा कि इस साल की बाढ़ और भूस्खलन में कुल 30 लोगों की जान चली गई है। राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर है क्योंकि सात जिलों में अभी भी 5.61 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, 3.68 लाख से अधिक लोगों के साथ नागांव सबसे अधिक प्रभावित जिला है, इसके बाद कछार में लगभग 1.5 लाख और मोरीगांव में 41,000 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
12 जिलों के 956 गांव प्रभावित
केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान के आकलन के लिए राज्य में पहुंच गई है। शुरुआती बाढ़ और भूस्खलन ने असम के बड़े हिस्से को प्रभावित किया है। जिसमें हजारों लोग विस्थापित हुए है। जिन्हें राहत शिविरों में भेजा गया है। केंद्रीय दल कछार, दीमा हसाओ, दरांग, नगांव और होजई का दौरा करेगा। राज्य भर में 12 जिलों के 956 गांव प्रभावित हुए हैं और 47,139.12 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। राज्य ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए 295 राहत शिविर स्थापित किए हैं। वहीं केंद्र ने 25 मई को असम को बाढ़ की स्थिति से निपटने में मदद करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से 324 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी की है।