[Team insider] सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो बाकी मीडिया से बिल्कुल अलग है। जिसे हम वर्चुअल मीडिया कह सकते हैं, जिसके अंतर्गत फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम आता है। आज के दौर में सोशल मीडिया जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। लोकप्रियता के लिए सोशल मीडिया एक बेहतरीन प्लेटफार्म भी है। लेकिन अपनी लोकप्रियता के लिए करोड़ों खर्च करे तो इस पर सवाल उठने शुरु हो जाते हैं। दरअसल सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन सोशल मीडिया पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं और तब जब झारखंड के 42 प्रतिशत लोग गरीब है।
सोशल मीडिया के निजी कंपनी को किया गया है हायर
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार हेमंत सोरेन के सोशल मीडिया के पेज संचालन को लेकर एक निजी कंपनी को हायर किया गया है। यह कंपनी साल 2021 से सीएम के ट्विटर, फेसबुक समेत अन्य सोशल मीडिया पेज हैंडल कर रही है। कंपनी से इसके लिए 3 साल का कांट्रैक्ट साइन किया गया है। इसके लिए 13 करोड़ 14 लाख 65 हजार रुपये कंपनी को भुगतान किया जाएगा। इनमें से 65 लाख रुपये कंपनी को काम शुरू करने से पहले ही भुगतान कर दिया गया है।
आरटीआई से मिली जानकारी
इसकी जानकारी तब मिली जब रांची के सामलोंग के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार महतो ने आरटीआई से झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से सीएम हेमंत सोरेन के सोशल मीडिया पेज संचालन में होने वाले खर्च का ब्योरा मांगा था। इसके जवाब में विभाग ने 3 साल में 13 करोड़ 14 लाख 65 हजार खर्च की जानकारी दी।
पाकूड़ और साहेबगंज के 60 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे
सुनील कुमार ने बताया कि झारखंड को लेकर नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 42 प्रतिशत लोग गरीब है। सीएम हेमंत सोरेन रामगढ़ जिले के जिस नेमरा पंचायत से तालुक्क रखते हैं, वहां के मात्र 14 परिवारों की मासिक आय 10 हजार है। 46 परिवार ऐसे हैं जिनकी मासिक आय 5 हजार से अधिक है। सीएम हेमंत सोरेन राज्य के जिस पाकूड़ और साहेबगंज जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहां की 60 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे है। ऐसे में सोशल मीडिया पर महीने का 36 लाख खर्च करना कहां तक जायज है।