बिहार में लगातार डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 82 नए मरीज मिले हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 32 मरीज राजधानी पटना में मिले हैं। वहीं, पटना डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ है। यहां भी डेंगू के केसेस बढ़ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन लगातार फॉगिंग करवा रही है। वहीं, डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच देश में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद बिहार के अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों को डेंगू वार्ड बनाने और मंकीपॉक्स के प्रति सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
औरंगाबाद में 9, गया में 7, मुजफ्फरपुर में 5, नालंदा 4, नवादा 3, बेगूसराय 3, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी में 2-2 नए डेंगू पीड़ित मिले हैं। अरवल, भागलपुर, जहानाबाद, खगड़िया, मधेपुरा, सारण, सुपौल और पश्चिम चंपारण में एक-एक नए डेंगू मरीज मिले हैं।
पटना में जिस तरह से डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है। इसको देखते हुए निगम प्रशासन ने तय किया है कि सितंबर महीने में शहर के प्रत्येक घर में 3 बार एंटी लार्वा का छिड़काव करना है। लेकिन हकीकत यह है कि शहर के कई ऐसी घनी आबादी वाले क्षेत्र व मोहल्ले हैं जहां के घरों व गलियों में एक बार भी एंटी लार्वा छिड़काव करने वाली टीम नहीं पहुंच सकी है।
फॉगिंग का काम भी नाकाफी साबित हो रहा है। एंटी लार्वा के छिड़काव व फॉगिंग के लिए निगम ने 75 वार्डों को 375 सेक्टर में बांटा है। प्रत्येक सेक्टर में प्रतिदिन 50 घरों में छिड़काव किया जाना है। निगम द्वारा लक्ष्य रखा गया है कि आगामी त्योहार से पूर्व हर घर तक तीन बार निगम की टीम एंटी लार्वा के लिए पहुंचेगी। लेकिन यह सारी कवायद बेअसर साबित हो रही है।