आज हम भले ही चांद पर जाने की बात हो, लेकिन अभी भी अंधविश्वास के साये में आधा भारत है। तभी तो एक ऐसा भी मेला लगता है, जिसमें भूत आते हैं। जी हां भूतों का मेला। ऐसा मेला, जिसे देखकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे। रोंगटे खड़ा कर देने वाला भूत मेला मधुबनी जिला मुख्यलय से चालीस किलोमीटर दूर झंझारपुर अनुमंडल के ताजपुर अलपुरा गांव में पीर बाबा मखदूम शाह की मजार पर लगता है। यह मेला प्रतिवर्ष बकरीद से एक दिन पूर्व साल में एक लगता है।
कोई हिलाती है सिर तो कोई पटकता है माथा
इस भूत मेला में हजारों लोग भूत भगाने के लिए पहुंचते हैं। मेला में तरह-तरह के भूत आते हैं। कोई रोने वाला तो कोई हंसने वाला भूत। मेला में मौजूद मौलवी तंत्र-मंत्र से किसी के भी अंदर का भूत-प्रेत झाड़ने चुटकियों में भगा देते हैं। सारे भूतों को मौलवी चुटकी मे वश मे कर लेते हैं। लोगों की ऐसी मान्यता है कि नि:संतान लोग भी संतान की चाह लिए यहां पहुंचते हैं। पीर बाबा मखदूम शाह अपने जमाने के प्रसिद्ध और ख्याति प्राप्त फकीर थे। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा के साथ यहां पहुंचता है पीर बाबा की कृपा से वह खाली हाथ वापस नहीं लौटता। पीर बाबा उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। भूत प्रेत बाधा निसंतान लोग यहां बड़ी उत्साह के साथ आते हैं।
700 वर्षों से लग रहा मेला
मजार के सरपरस्त महबूब रजा कमाली ने बताया कि पीर बाबा मखदूम शाह की मजार काफी प्रसिद्ध है। करीब 700 वर्षों से यह मेला लगता आ रहा है। ऐसी मान्यता है जो भी भक्त श्रद्धालु यहां आते हैं, पीर बाबा मखदूम शाह उसकी मनोकामना को पूर्ण करते हैं। यहां हर धर्म को मानने वाले लोग बड़ी ही आस्था के साथ आते है। यहां बगल के तालाब में स्नान किया जाता है। उसके बाद पीर बाबा की दरगाह पर माथा टेका जाता है। भक्त यहां बलि के रूप में बकरा, मुर्गा, कबूतर देते हैं। उसे प्रसाद के रूप में यही बना कर खाया जाता है। यहां झारखंड, मुंबई, कलकता,चेन्नई के अलावा परोसी देश नेपाल, बंगलादेश से भी लोग भूत भगवाने आते हैं।