भागलपुर सिविल कोर्ट के प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा अधिवक्ताओं के साथ आमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया जा रहा है। जिसको लेकर सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने दंडाधिकारी के समक्ष आक्रोशित होकर जमकर विरोध किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने न्यायिक दंडाधिकारी सूचित वाजपेयी को काफी देर तक कक्ष से बाहर निकलने नहीं दिया। भागलपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं का आरोप है कि प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी सूचित बाजपेयी भागलपुर में जब से पदस्थापित हुए हैं तब से वो अधिवक्ताओं के साथ अमानवीय व्यवहार करते आ रहे है। प्रतिदिन अपने कर्मचारी को मानसिक प्रताड़ना देते हैं वहीं कार्य करने की प्रणाली में किसी ने किसी कारण आवेदन पर नुक्स लगाकर उसे रद्द करने की कोशिश करते हैं और बिना कारण विलंब करने का प्रयास करते हैं।
“नुक्स निकालकर करते है आवेदन रद्द”
भागलपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पर आमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाकर विरोध किया जा रहा है। अधिवक्ताओं का कहना है कि दंडाधिकारी अधिवक्ताओं के साथ अमानवीय व्यवहार करते आ रहे हैं कई एक बार इसकी शिकायत जिला जज एवं अन्य न्यायिक पदाधिकारी को लिखित रूप से अधिवक्ता संघ के द्वारा दी गई है। बावजूद अपने कार्य प्रणाली में सुधार नहीं करते हैं हर रोज अपने कर्मचारी को मानसिक प्रताड़ना देते रहे हैं कार्य करने की प्रणाली में किसी ने किसी कारण आवेदन पर नुक्स लगाकर उसे रद्द करने की कोशिश करते हैं, और बिना कारण विलंब करने का प्रयास करते हैं। इसी बात को लेकर जब शिकायत प्राप्त हुई तो भागलपुर अधिवक्ता संघ के माननीय अधिवक्ता अनिल कुमार झा के द्वारा वार्तालाप करने को लेकर दंडाधिकारी के पास गए थे आखिर किस कारण से ऐसा अमानवीय व्यवहार अपनाया जा रहा है।
जिसके बाद प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी सूचित वाजपेयी ने अधिवक्ता अनिल कुमार झा विद्वान अधिवक्ता के साथ अमर्यादित पूर्ण भाषा में बात की, जिसके बाद दोनों के बीच एक दूसरे से झड़प हो गया। जिससे बात काफी बिगड़ गई और संघ के अधिवक्ता संघ के लोग एकजुट होकर इनका विरोध करने लगे औऱ जमकर विरोधी नारेबाजी करने लगे, और बहुत देर तक दंडाधिकारी सूचित वाजपेयी को अपने कोर्ट कक्ष से बाहर नहीं निकलने दिया।