[Team insider] का वर्षा जब कृषि सुखाने। समय चूकि पुनि का पछिताने। यह कहावत इस खबर के लिए सटीक बैठता है। दरअसल दिसंबर माह में मुख्यमंत्री आमंत्रण फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था, जिसमें पहले पंचायत स्तर फिर प्रखंड स्तर उसके बाद जिला स्तर पर फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। लेकिन पहले तो पंचायत स्तर पर इस मैच को खेला ही नहीं गया, प्रखंड में जैसे-तैसे हुए। फिर 15 दिसंबर को जिले में टूर्नामेंट का समापन हुआ। उसके बाद जोनल स्तर पर मैच खेला गया और 21 दिसंबर को इसका समापन भी हो गया, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि खिलाड़ी मैच बिना जर्सी के ही खेले।
गुणवत्ता जांच की जिम्मेवारी जिला खेल पदाधिकारी को दी गई थी
जर्सी तो पहुंचा लेकिन मैच समापन के बाद। वहीं जर्सी की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे, जिसके कारण जर्सी खिलाड़ियों तक पहुंच ही नहीं पाया। जर्सी के लिए नवंबर माह में ही डिमांड की गई थी। जर्सी प्रखंड में मैच खत्म होने के बाद खिलाड़ियों के लिए पहुंच गई। जर्सी को रिसीव एक फॉर्मेट में भरा जाना था, इसमें गुणवत्ता जांच की जिम्मेवारी जिला खेल पदाधिकारी को दी गई।
4 जनवरी को खेल पदाधिकारी ने जर्सी की गुणवत्ता की जांच के लिए निदेशालय से राय मांगी है। वहीं जिला खेल पदाधिकारी ने पत्र में लिखा कि मेरे द्वारा जर्सी की गुणवत्ता की जांच नहीं की जा सकती है।