डीएम जी कृष्णैया हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए आनंद मोहन को सरकार ने कानून में संसोधन कर जेल से रिहा कर दिया है। समय से पहले रिहाई के सरकार फैसले का विरोध और समर्थन दोनों हो रहा है। लेकिन अब आनंद मोहन की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। शनिवार को उनकी रिहाई को डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने चुनौती दी थी । टी. उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि उनके पति के हत्यारे आनंद मोहन को जेल से रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर रोक लगाई जाये। जिसपर सुप्रीम कोर्ट सुनाई को तैयार हो गया है। 8 मई को आनंद मोहन के रिहाई के खिलाफ सुनवाई होनी है।
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डीएम जी कृष्णैया की पत्नी ने दर्ज की याचिका
बिहार सरकार ने कारगर नियमावली में बदलाव किया था। जिसके बाद आनंद मोहन को पिछले सप्ताह जेल से रिहा कर दिय गया। आनंद मोहन की रिहाई के विरोध में डीएम जी कृष्णैया की टी. उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। याचिका में उनहोने दलील दी कि आनंद मोहन को गिरफ्तार किया था, उस वक्त इस तरह के हत्याकांड में माफी की कोई गुंजाइश नहीं थी। लिहाज अब नीतीश सरकार ने नियमों में बदलाव करके आनंद मोहन की रिहाई करवाई है। 29 साल पुराने इस मामले में यह नियम लागू नहीं होना चाहिए। उन्होंने बिहार सरकार के नए नियम को रद्द करने की मांग की। कोर्ट में इस याचिका पर सुनाई 8 मई को होगी।