रिलायंस कैपिटल और रिलायंस कम्युनिकेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी रविवार को गया पहुंचे। इस दौरान उन्होंने धार्मिक गतिविधियों में भाग लिया, जिसमें अपने पूर्वजों का पिंडदान करना और विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना शामिल था। उनके साथ इस अवसर पर पिंडदान की प्रक्रिया में तीर्थ पुरोहित शंभू लाल विट्ठल भी शामिल थे, जिन्होंने यह रस्म पूरी कराई।
पिंडदान और मंदिरों में पूजा:
अनिल और टीना अंबानी ने अपनी यात्रा की शुरुआत प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर से की, जहां उन्होंने पूजा अर्चना की और अपने पूर्वजों का पिंडदान किया। इसके बाद, वे मंगलागौरी और महाबोधि मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने विशेष पूजा की और भगवान बुद्ध के दर्शन किए। बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में पूजा अर्चना के बाद उन्होंने फिर से विष्णुपद मंदिर लौटकर पिंडदान की प्रक्रिया को पूरा किया।
अमिताभ बच्चन के पूर्वजों के लिए पिंडदान:
इस यात्रा के दौरान अनिल अंबानी ने यह भी बताया कि अमिताभ बच्चन ने उन्हें गयाजी में पिंडदान करने के लिए प्रेरित किया था। उनके अनुसार, पिंडदान से पितृदोष से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं और यह धार्मिक कार्य आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। इसके बाद, उन्होंने अमिताभ बच्चन के माता-पिता के लिए भी पिंडदान किया, हालांकि अमिताभ बच्चन स्वयं इस यात्रा में शामिल नहीं हो पाए।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम:
अनिल अंबानी और टीना अंबानी की यात्रा को लेकर गया और बोधगया में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। विष्णुपद मंदिर, मंगलागौरी मंदिर और महाबोधि मंदिर में पुलिस बल की तैनाती की गई थी और यात्रा के दौरान हर जगह विशेष निगरानी रखी गई थी।
पिंडदान का धार्मिक महत्व:
हिंदू धर्म में गयाजी में पिंडदान को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे पितृदोष को समाप्त करने और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। गयाजी में हर साल पितृपक्ष मेला आयोजित किया जाता है, जो सितंबर से अक्टूबर के बीच लगता है, और यह धार्मिक क्रियाओं का महत्वपूर्ण समय होता है।
अनिल अंबानी और टीना अंबानी की यह धार्मिक यात्रा उनके पारिवारिक और आध्यात्मिक कर्तव्यों को निभाने का एक अद्भुत उदाहरण है।