RANCHI : कांग्रेस संगठन का हाल-बेहाल है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर मोर्चा संभाल लिया है। बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बना कर पार्टी ने झारखंड में भी अपना तेवर दिखा दिया है। भाजपा के केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय पदाधिकारी से लेकर प्रदेश के नेता पसीना बहा रहे हैं। वहीं कांग्रेसी दिल्ली के पावर सेंटर में पहुंचने को लेकर परेशान हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल से लेकर प्रियंका गांधी तक अपनी बात पहुंचाने के लिए बेहाल हैं। कांग्रेसी बायो-डाटा और अपना प्रोफाइल नेताओं को बता रहे हैं। हर चौखट पर लॉबिंग जारी है। पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं तक पहुंचने के लिए दिल्ली में जुगाड़ तंत्र का कुनबा भी अलग-अलग है। राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल तक अपनी पहुंच बनाने के लिए अलग-अलग नेताओं को पकड़ रहे हैं।
सीडब्लूसी का नहीं हुआ गठन
रायपुर महाधिवेशन 24, 25 व 26 फरवरी को संपन्न हुआ था। महाधिवेशन के पांच महीने से ज्यादा गुजर गये। कांग्रेस सेंट्रल वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) का गठन नहीं कर पायी। राज्यों के नेता सीडब्लूसी के गठन को लेकर टकटकी लगाये बैठे हैं। वहीं कांग्रेस में दिल्ली से लेकर रांची तक पिछले कई दिनों से सरगरमी है। कई राष्ट्रीय नेता पदमुक्त हो सकते हैं, वहीं कई नेताओं का प्रमोशन हो सकता है। राज्यों के प्रभारी भी बदलने को लेकर चर्चा है। लेकिन मामला फंसा है। सीडब्लूसी में जगह पाने के लिए प्रदेश के आला नेता भी परेशान हैं। वहीं केंद्रीय नेता अजय माकन, सूरज हेगडे, राजीव शुक्ला, मोहन प्रकाश जैसे नेताओं को पार्टी आगे बढ़ा सकती है। वहीं रणदीप सुरजेवाला, जीतेंद्र सिंह, कुमारी शैलजा जैसे राष्ट्रीय नेता अपनी भूमिका में बने रह सकते हैं। झारखंड में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के बदलने की अटकलें हैं।