RANCHI : कुख्यात गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को झारखंड एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। एटीएस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए उसे मुंबई से गिरफ्तार किया। इसके बाद अमन श्रीवास्तव को रांची लाया गया है। डीजीपी अजय कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है। बताते चलें कि रांची, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा, हजारीबाग और लातेहार में कई मामलों में पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। वहीं उस पर पतरातू, बालूमाथ, चंदवा, खलारी, मांडू, गिद्दी, बड़कागांव के थानों में कुल 23 मामले दर्ज हैं। जिसमें हत्या के 2, हत्या की कोशिश के 4, रंगदारी के 13, आर्म्स एक्ट के दो केस शामिल हैं।
फायरिंग और रंगदारी से खौफ
पिछले 7-8 वर्षों से आतंक का पर्याप्त रहा अमन श्रीवास्तव राज्य के कोयला उत्खनन और विकास योजनाओं में लगी कंपनियों और कारोबारियों के बीच डर का माहौल बना कर लगातार रंगदारी की मांग करता था। फायरिंग और हिंसक घटनाओं को अंजाम देता था। व्यापारियों और आम जनता के बीच खौफ का माहौल था। कुछ सालों से अमन तेलंगाना, महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में ठिकाना बना कर काम कर रहा था।
एटीएस को दी गई जिम्मेवारी
इसकी गिरफ्तारी को लेकर झारखंड पुलिस काफी दिनों से कोशिश कर रही थी। जिसके बाद जिम्मेदारी एटीएस झारखंड को दी गई। एटीएस को उसकी गतिविधियों का विश्लेषण करने के बाद उसके मुंबई में होने की सूचना मिली। जिसके बाद झारखंड से एक टीम मुंबई भेजी गई। 15 मई की शाम को उसे गिरफ्तार किया गया। मुंबई न्यायालय में पेश कर उसे रांची लाया गया।
15 के खिलाफ ATS में केस
झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने श्रीवास्तव गैंग के सुप्रीमो अमन श्रीवास्तव सहित गैंग में शामिल 15 आरोपियों के खिलाफ एटीएस थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी। सभी आरोपितों पर अनलॉफुल एक्टिविटिज एक्ट (यूएपीए) भी लगाया गया था। जनवरी 2022 में एटीएस की टीम ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में अमन श्रीवास्तव के भाई अभिक श्रीवास्तव और बहनोई चंद्रप्रकाश राणू को गिरफ्तार किया था। जिन लोगों पर एटीएस ने केस दर्ज किया था। उसमें अमन का भाई अभिक श्रीवास्तव, बहनोई चंद्रप्रकाश राणू, बहन मंजरी श्रीवास्तव, चचेरा भाई प्रिंसराज श्रीवास्तव, सहयोगी विनोद कुमार पांडेय, जहीर अंसारी, फिरोज खान उर्फ साना खान, मजमूद उर्फ नेपाली, असलम, सिद्धार्थ साहू शामिल है।
हवाला से पैसे मंगवाने का आरोप
एटीएस की तरफ से दर्ज प्राथमिकी में इस बात का जिक्र किया है कि ये अपराधी रंगदारी और लेवी के माध्यम से पैसे जुटाते हैं। उससे हथियार खरीदकर आतंक कायम करने के लिए अपने सहयोगियों के माध्यम से दहशत फैलाते हैं। गोली-बारी और आगजनी कर ये व्यवसायियों, ठेकेदारों में खौफ कायम करते है।