[Team Insider]: राजस्थान औषधालय (Rajasthan Aushadhalaya), मुंबई द्वारा कोरोना(Corona) काल में बेहतर सेवा देने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह आज यानी 24 जनवरी को बोधगया के एक निजी होटल के प्रांगण में संपन्न हुआ। जिसमें जिले के 45 से अधिक आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को सम्मानित किया गया।
राजस्थान औषधालय द्वारा सम्मान
कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथि, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जयदेव सिंह ने कहा कि आरएपीएल ग्रुप मुंबई ने आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का सम्मान कर उन्हें नई ऊर्जा दी हैं। उन्होंने कहा आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा जिले में कोरोना काल के दौरान खूब सेवा की गई। उसी का यह परिणाम हैं कि राजस्थान औषधालय ने डॉक्टर्स को इस सम्मान से नवाजा है। साथ ही उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान चिकित्सकों ने अपनी जान की बाजी लगाकर मानवीय सेवा कर साबित किया कि एक चिकित्सक भगवान का ही दूसरा रूप होता हैं।
डॉ. जयदेव सिंह ने की आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की प्रशंसा
डॉ. जयदेव सिंह ने बताया की आयुर्वेदिक औषधियां कोरोना के दौरान कारगर साबित हो रही थी। उस समय आयुर्वेद के डॉक्टर्स के उपर भी बड़ी जिम्मेदारियां आ गयी थी। उसी मेहनत को समझते हुए राजस्थान औषधालय ने सम्मानित कर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को दिशा दी है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पद्धति में गंभीर से गंभीर रोगों का इलाज उपलब्ध है। इसलिए आयुर्वेद पद्धति का चिकित्सीय सेवा लेना लोगों के लिए उचित है।
कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार
वहीं डॉ. रिता वर्मा और डॉ. सुधा कुमारी ने कायर्क्रम संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद पद्धति को अपनाकर ही कोरोना को हराया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कोविड-19 से लड़ने के लिए आयुर्वेद नई-नई खोज कर दवाइयां तैयार कर रहा हैं। साथ ही उन्होंने सभी चिकित्सकों को बधाई देते हुए कहा कि जिस तरह आरएपीएल ग्रुप ने गया जिले के डॉक्टर्स को सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ाया हैं। उसी प्रकार से कोरोना की तीसरी लहर में भी पूरी निष्ठा और लगन के साथ, गया जिले के डॉक्टर्स आमजन की सेवा करेंगे।
आयुर्वेद चिकित्सकों का योगदान
कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. मृत्युंजय कुमार ने बताया कि डॉक्टर्स सम्मान समारोह में कोविड गाईडलाईन का पालना करते हुए जिल भर के अनेक डॉक्टर्स यहां शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद चिकित्सकों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों का इलाज किया। वह काबिले तारीफ है। इससे दुसरे चिकित्सकों की हौसला अफजाई होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर आती है। बावजूद इसके मेडिकल लाइन में जितना ग्रोथ होना चाहिए उतना नहीं है। कोरोना काल में आयुर्वेद पद्ति अपनाते हुए जिन लोगों ने काढ़ा का उपयोग किया, उन्हें काफी फायदा हुआ। कोरोना से होने वाली मृत्यु दर में भी काफी कमी दिखाई पड़ी थी।
इन डॉक्टर्स का किया गया सम्मान
बता दें की कार्यक्रम में डॉ. ममता कुमारी, डॉ. मनोज कुमार शर्मा, डॉ. चन्द्रतारा यादव, डॉ. केडी नारायण, डॉ. अजय कुमार, डॉ. अरविन्द कुमार, डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. शिफा फातिमा, कॉर्डिनेटर आरती गुप्ता, जेडएसएम अमरेन्द्र कुमार, कमल कुमार सहित जिले भर के अनेक आयुर्वेदिक चिकित्सक सहित शहर के गणमान्यजन उपस्थित रहे।