बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री के पांच दिनों के पटना दौरे ने अलग ही माहौल बनाए रखा। समर्थन हो या विरोध, सब उन्हीं की बात करते दिखे। राजनीति भी हुई। हिंदू राष्ट्र के दावे ने विवाद भी खड़ा किया। मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक इस मामले में बोलने से खुद को रोक नहीं पाए। दूसरी ओर बाबा बागेश्वर ने भी सम्मान का जवाब सम्मान से और अपमान का जवाब अपने चिरपरिचित अंदाज से दिया। जिसने उन्हें हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई लाने वाला उन्हें जवाब देते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा कि वे सिर्फ हिंदू-हिंदू करते हैं। बाबा की अगुवानी में लगे भाजपा नेताओं की तस्वीरों ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं। लेकिन इस बीच बाबा बागेश्वर से एक गलती हो गई और इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी है।
आचार्य किशोर कुणाल के साथ गलत व्यवहार का आरोप
दरअसल, बाबा बागेश्वर पर आचार्य किशोर कुणाल के साथ गलत व्यवहार का आरोप लगा। कुछ तस्वीरें वायरल हुईं, जिसके जरिए यह कहा गया कि बाबा बागेश्वर ने आचार्य किशोर कुणाल के साथ गलत व्यवहार किया है। भड़के बाबा विरोधियों ने इसे बिहार का अपमान बताया। यह तस्वीरें तब की है, जब अपने दौरे के चौथे दिन बाबा बागेश्वर पटना जंक्शन के सामने स्थित महावीर मंदिर पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद की अव्यवस्था का आलम ऐसा था कि सबकुछ भीड़ में छिप गया। इसी भीड़ में सुरक्षाकर्मियों को बाबा बागेश्वर को सुरक्षित भी करना था। इस कारण उन्होंने सुरक्षा घेरा बना दिया। घेरा भी ऐसा बना कि आचार्य किशोर कुणाल घेरे के बाहर ही रह गए। कुछ देर तक यह अव्यवस्था चलती रही। इसी को आधार बनाकर बाबा बागेश्वर पर किशोर कुणाल के साथ गलत व्यवहार का आरोप लगाया जा रहा है।
असलियत कुछ और
एक ओर बाबा बागेश्वर के विरोधी आचार्य किशोर कुणाल को ढ़ाल बनाकर सोशल मीडिया पर हमलावर हैं। तो दूसरी ओर वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ ओझा ने इस मामले में अलग खुलासा किया है। अमिताभ ओझा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर बताया है कि उस दिन वाकई क्या हुआ था। अपनी पोस्ट में अमिताभ ओझा ने बताया है कि “अव्यवस्थाका आलम यह था की तीन तीन सुरक्षाकार्मियों के होने के बावजूद आचार्य किशोर कुणाल और उनके बेटे सायन कुणाल के आगे से सुरक्षा घेरा बनाकर मंदिर लाया गया।” इस अव्यवस्था से किशोर कुणाल नाराज जरुर हुए। लेकिन जैसे ही महावीर मंदिर के पुजारी ने बाबा बागेश्वर से किशोर कुणाल का परिचय करवाया “शास्त्री जी ने उन्हें प्रणाम किया…. कुणाल जी नाराज थे। सुरक्षिकर्मियों के व्यवहार को लेकर शास्त्री जी ने हाथ जोड़कर माफ़ी मांगी। उसके बाद दोनों साथ ही बाहर तक आए।” इससे पहले दोनों एक साथ हनुमान जी की आरती की।