जिलाधिकारी, सारण अमन समीर ने बताया कि किसी भी बड़े आयोजन, सभा, गोष्ठी के आयोजन में लाउड स्पीकर के प्रयोग के लिये सक्षम प्राधिकार से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है। सक्षम प्राधिकार का यह दायित्व है कि आयोजन की प्रकृति को देखते हुए विधिमान्य शर्तों के अधीन आयोजन की स्वीकृति प्रदान करें। ताकि विधि व्यवस्था की समस्या नहीं उत्पन्न होने पाये। इस संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय, पटना द्वारा जारी आदेश के आलोक में रात 10.00 बजे से सुबह 06.00 बजे के बीच लाउडस्पीकर के उपयोग पर पूर्णतः पाबंदी रहेगी। पर्व त्योहारों के अवसर पर पूजा पंडालों, जुलूसों आदि में डीजे एवं अश्लील गाना पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस संबंध में डीजे संचालकों को बाण्ड भरना आवश्यक होगा।
विवाद उत्पन्न होने की भी संभावना बनी रहती है
जिलाधिकारी सारण अमन समीर ने बताया कि ऐसा पाया जा रहा है कि जिले में आयोजित होने वाले विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में लाउड स्पीकर के प्रयोग के लिए अनुमति प्राप्त नहीं की जाती है। विशेष रूप से छपरा नगर और भगवान बाजार थाना क्षेत्रों में स्वच्छंद रूप से लाउडस्पीकर 24 घंटे कर्णभेदी स्वर में बजाये जाते हैं। इस क्रम में रात दिन अथवा समय का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है। ऐसा भी पाया गया है कि डीजे एवं अश्लील गाना बजाये जाने को ले कर कभी कभी अनावश्यक विवाद तथा साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न होने की भी संभावना बनी रहती है। इसका असर सामानय परीक्षाओं, बीमार और वृद्ध व्यक्त्तियों के स्वास्थ्य और सरकारी कार्य संपादन में हो रही कठिनाइयों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
आदेश नहीं मानने पर दर्ज होगी प्राथमिकी
जिलाधिकारी ने कहा कि इस आदेशों का अनुपालन नहीं करने वालों के विरूद्ध बिहार कंट्रोल ऑफ दी यूज एण्ड प्ले ऑफ लाउड स्पीकर एक्ट, 1955, इनवोरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 एवं द न्वायज पाल्युशन रुल, 2000 की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज किया जाएगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया कि विभिन्न पर्व-त्योहारों, सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के लिये विधिवत् अनुज्ञा प्राप्त कर ही आयोजन सुनिश्चित करें अन्यया यदि आयोजकों द्वारा किये गये आयोजन से विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है तो उसकी सारी जिम्मेवारी आयोजको की मानी जायेगी और उनके विरुद्ध विधिसम्मत् कार्रवाई की जायेगी।