बिहार से सटे पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश बॉर्डर के पास घुसपैठ कर रहे 1000 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठियों को गुरुवार को BSF ने रोका है। बॉर्डर रास्ते भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। घुसपैठ कर रहे बांग्लादेशी को सुरक्षाबलों ने वापस लौटाया। ये बॉर्डर किशनगंज से 15 किलोमीटर है, जो पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर में आता है।
5 अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद उन्हें अपना इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा था। प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश में हालात खराब हैं। मंदिर और हिंदू परिवारों को टारगेट किया जा रहा है। इसलिए लोग वहां से सुरक्षित स्थान पर जाना चाहते हैं।
घुसपैठ की सूचना मिलते ही BSF कमांडेंट अजय शुक्ला और इस्लामपुर के एसपी जोबी थॉमस समेत पुलिस अधिकारी अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। सभी लोगों से वापस लौटने को कहा। इसके बाद से किशनगंज से सटी भारत-बांग्लादेश सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारी संख्या में BSF जवान और अधिकारियों की तैनाती की गई है।
BSF के अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश के ग्रामीणों का एक समूह सीमा के पास पहुंचा। जिससे थोड़ी देर के लिए हंगामा हुआ। BSF के जवानों ने लोगों को तुरंत वापस जाने को कहा। इसके बाद सभी लौट गए। BSF हाई अलर्ट पर है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और किसी भी घटनाक्रम का जवाब देने के लिए तैयार हैं। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास बुधवार को घुसपैठ कर रहे करीब 500 बांग्लादेशियों को BSF के जवानों ने जलपाईगुड़ी के पास रोक दिया। नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के मुताबिक ये लोग बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों के हमलों के डर से इकट्ठा हुए थे।
BSF और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने इन लोगों से बात की, जिसके बाद ये सभी लौट गए। बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर BSF हाई अलर्ट पर है। वहीं सोमवार (5 अगस्त) को बांग्लादेश छोड़कर भारत आईं शेख हसीना अपने साथ जरूरत का सामान और कपड़े नहीं ला पाई थीं। उन्हें देश छोड़ने के लिए सिर्फ 45 मिनट मिले थे।