बिहार से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां सांप ने जिस युवक के शरीर को डसा। उसी से करीब 18 घंटे तक चिपका रहा। इतना ही नहीं वो बाहर तब आया जब युवक के शरीर को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लाया गया।
दरअसल, बेगूसराय में सांप के डसने से एक युवक की मौत हो गई। परिजनों ने जब दाह संस्कार के लिए उसकी लाश श्मशान घाट ले गए तो उसके शरीर से सांप निकला। युवक को काटने के बाद करीब 18 घंटे तक सांप उसके शरीर में ही छिपा रहा। घटना शुक्रवार को चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के कुंभी गांव में हुई।
मृतक की पहचान रामबालक यादव के पुत्र धर्मवीर कुमार यादव (41) के रूप में की गई। परिजनों ने बताया कि गुरुवार की शाम को गाय को खाना देने के लिए वह हरा चारा उठा रहा था। इसी दौरान एक जहरीले सांप ने उसके पैर में काट लिया। परिजनों को पता चला तो उसे अस्पताल की जगह झाड़-फूंक कराने के लिए भगवती स्थान लेकर पहुंच गए।
भगवती स्थान में जब धर्मवीर की हालत बिगड़ने लगी तो ग्रामीणों के सहयोग से परिजन उसे दलसिंहसराय स्थित एक निजी अस्पताल ले गए। पर बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
शुक्रवार को शव का पोस्टमॉर्टम सदर अस्पताल में कराया गया। इसके बाद शाम को शव लेकर परिजन और ग्रामीण दाह संस्कार के लिए सिमरिया गंगा घाट पहुंचे। वहां जब शव को चिता पर लिटाया गया तो लोगों ने देखा एक सांप उसके शरीर से बाहर निकल रहा है। यह रसेल वाइपर प्रजाति का था। लोग हैरान रह गए। हालांकि लोगों ने उसे वहीं पर मार डाला।
आशंका जताई जा रही है कि धर्मवीर को डसने के बाद सांप उसके पेंट के अंदर जाकर फंस गया होगा। पोस्टमॉर्टम के दौरान उसका पैंट नहीं उतारा गया। वहीं, श्मशान में दाह संस्कार के दौरान कपड़ा खोलने पर सांप बाहर निकला होगा।
ग्रीन अर्थ गार्डियन के संस्थापक सह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित सैयम मजूमदार और बिहार प्रदेश अध्यक्ष सौरव जायसवाल ने बताया कि रसेल वाइपर सांप अत्यधिक जहरीला होता है। यह मांसपेशी के ऊत्तक को नुकसान पहुंचाता है। यह सांप काटने के लगभग 3 घंटे तक आदमी जीवित रह सकता है। अगर समय पर इलाज मिल जाए तो जान बच सकता है। सांप काटने के बाद कर्पूर सुंघना चाहिए, घबराना नहीं है। जहां काटा है, उस जगह को बैंडेज या किसी कपड़ा से उसके ऊपर तक बांध देना है। एंटी वेनम लेना है।