निबंधन एवं परामर्श केन्द्र, बेतिया के सभागार में आज विशेष मछुआरा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने दीप प्रज्जवलित कर विशेष मछुआरा दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि विशेष मछुआरा दिवस के खास मायने हैं। इस दिन 10 जुलाई 1957 को भारतीय मत्स्य वैज्ञानिक डॉ. हीरा लाल चौधरी ने विश्व में पहली बार मत्स्य प्रजनन का नया आयाम इंड्यूस ब्रीडिंग के माध्यम से मत्स्य बीज उत्पादन की नींव डाली, इसलिए उस महान हस्ती की याद में प्रत्येक वर्ष 10 जुलाई को विशेष मछुआरा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हीं की देन है कि आज पूरा विश्व मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में नये आयाम को अंजाम दे रहे हैं।
मत्स्य इस क्षेत्र में रूचि ले रहे
जिलाधिकारी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिला को मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य योजना तैयार कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। मत्स्य कृषक इस क्षेत्र में रूचि भी ले रहे हैं। इस कारण जिले में मत्स्य उत्पादकता में निरंतन बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि आज विशेष मछुआरा दिवस के अवसर पर सभी मत्स्य कृषक यह संकल्प लें कि जिले को मत्स्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए और बेहतर प्रयास करेंगे। साथ ही जिले के उत्पादित मत्स्य को अन्य जिलों तथा राज्यों में भी विक्रय करेंगे। उन्होंने मछुआरों से कहा कि मत्स्य उत्पादन में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का अपनना होगा। सरकार द्वारा भी मछुआरों के हितों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही है।
बेहतर प्रदर्शन के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग करें
जिलाधिकारी ने जिला मत्स्य पदाधिकारी को निर्देश दिया कि मत्स्य कृषकों को अच्छे तरीके से प्रशिक्षित कराएं, उन्हें विस्तारपूर्वक जानकारी दें। मछुआरों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहें, नियमानुकूल समाधान करने का हरसंभव प्रयास करें। उप विकास आयुक्त अनिल कुमार ने कहा कि कार्यक्रम से सीखें और नया प्रयोग करें। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं का लाभ लें। इस अवसर पर अपर समाहर्ता, जिला लोक शिकायत निवारण अनिल राय, एएसडीएम अनिल कुमार, डीआरडीए के निदेशक सुजीत बरनवाल, विशेष कार्य पदाधिकारी सुजीत कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी गणेश राम सहित अन्य अधिकारी एवं मछुआरागण उपस्थित रहे।