राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। जिसको लेकर राजद नेता ने के के पाठक को नसीहत दी है और संभल कर चलने की बात कही है। दरअसल बीआर विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन पर के के पाठक ने रोक लगा दी थी। जिसको राजभवन ने खारिज कर दिया। जिसके बाद राजद के नेता के के पाठक को संभल कर चलने की बात कह रहे हैं।
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के के पाठक ने रोका था कुलपति का वेतन
दरअसल, शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालय के विभागीय समीक्षा बैठक की गई थी, जिसमें बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति नहीं पहुंचे थे, जिसकी वजह से के के पाठक ने बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन पर रोक लगा दी थी। जिसे शुक्रवार को राजभवन ने खारिज कर दिया।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि केके पाठक संभलकर चलें तो अच्छा होगा, क्योंकि ज्यादा तेज चलने से ठोकर लगने की संभावना भी अधिक होती है। आगे उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को यह देखने का अधिकार जरूर है कि कहां-कहां वित्तीय अनियमितता हो रही है और उसपर रोक लगाना भी शिक्षा विभाग का दायित्व बनता है। राजभवन और बिहार सरकार में टकराव की कोई बात नहीं है। सरकारें आती हैं और जाती है और राज्यपाल उन्हीं के लोग होते हैं जिनकी केंद्र में सरकार रहती है।
हो रहा शिक्षा विभाग में सुधार
भाई वीरेंद्र ने कहा कि शिक्षा विभाग में निरंतर सुधार हो रहा है लेकिन बहुत ज्यादा तेज नहीं चलना चाहिए, इसमें ठोकर लगने की भी संभावना अधिक होती है। शिक्षा विभाग में जो कमियां हैं उसे संभलकर दूर करते हुए आगे बढ़ना चाहिए कदम तेजी से नहीं बढ़ाने चाहिए, ठोकर भी लग जाता है। पहले से स्थितियां बदली हैं और स्कूलों के शिक्षकों में इस बात का डर है कि गड़बड़ी करेंगे तो उनपर कार्रवाई हो जाएगी। वहीं JDU के मंत्री जमा खान पर अररिया में हुए हमले को लेकर भाई वीरेंद्र ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया, उन्होंने कहा कि यह सब बिहार को बदनाम करने की साजिश है। दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई होगी।