बीपीएससी की 67वीं संयुक्त परीक्षा के प्रश्न-पत्र लीक होने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही की है। जिसमें आर्थिक अपराध इकाई (EOU), पटना ने 14 सदस्यों की विशेष टीम का गठन कर 08 मई से जांच शुरू कर दी थी। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा किए गए जांच और प्राप्त साक्ष्य के आधार पर 04 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसमें भोजपुर जिले के बड़हरा, प्रतिनियुकत स्टैटिक दण्डाधिकारी सह प्रखण्ड विकास पदाधिकारी जय वर्द्धन गुप्ता, आरा के कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य सह सेंटर सुपरइंटेण्डेंट डॉ. योगेन्द्र सिंह, व्याख्यात सह कंट्रोलर सुशील कुमार सिंह और सेंटर सुपर इंटेण्डेंट अगम कुमार सहाय शामिल है।
एक और गिरोह का पर्दाफाश
BPSC पेपर लीक मामले में आगे की कार्यवाही करते हुए विशेष टीम ने पटना सहित अन्य जिलों में जांच कर प्राप्त सूचनाओं के आधार पर इस मामले में एक और अपराधिक गिरोह का पर्दाफाश किया है। वहीं इस गिरोह के सदस्यों के पास से मोडर्न उपकरण प्राप्त हुए है। जैसे ब्लू-टूथ डिवाईस, गोपनीय पेन कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों। साथ ही इस गिरोह के अकाउंट में लाखों रुपए होने की जानकारी मिली है। हालांकि इस गिरोह के 04 सदस्यों को एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किया गया है। जिसमें भागलपुर के कृषि विभाग में सहायक पद पर पदस्थापित राजेश कुमार, सिवान के निशिकान्त कुमार राय, वैशाली के हाई स्कूल के शिक्षक कृष्ण मोहन सिंह और औरंगाबाद के सुधीर कुमार सिंह शामिल है।
मिले मॉडर्न उपकरणों के साथ लाखों रुपए
बता दें कि गिरफ्तार अपराधियों से पूछ-ताछ करने के बाद उनके गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी पता चला है। जिसमें राजेश कुमार के निशानदेही पर एक कंट्रोल रुम का पता चला है जो कि कदमकुओं थाना के अंतर्गत लोहानीपुर मोहल्ले में चलाया जा रहा है। वहीं इस पूरे गिरोह का सरदार आनन्द गौरव उर्फ पिन्टू यादव बताया जा रहा है, जो कि एनआईटी, पटना का स्नातक है और इजिनियंरिंग का डिग्री लेने के बाद से गैर कानूनी धंधे में शामिल हो चुका था।
कार्यवाही अब भी जारी
इसके अलावा इस गिरोह के अन्य सदस्यों की भी पहचान की जा चुकी है और उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही सभी अभियुक्तों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। वहीं आनंद गौरव उर्फ पिन्टू कुमार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही उसके पास बैंक खाता प्राप्त हुए है जिनमें करीबन 72 लाख रूपये जमा है। साथ ही उसके पास से करीब 2.92 लाख रूपये नगद मिले। इसके अलावा अन्य तकनिकी उपकरण भी बरामद हुए है। हालांकि इस मामले में अभी भी कार्यवाही जारी है।