बिहार सरकार में मंत्री रहे भाजपा विधायक रामप्रवेश राय की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। उन्होंने 13 साल पुराने एक मामले में कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने विधायक को फटकार लगते हुए कहा कि माननीय होकर आप नियमों का उलंघन करेंगे और फिर राहत भी मांगेगे तो यह कैसे संभव होगा। बता दें कि भाजपा विधायक रामप्रवेश राय बिहार सरकार में पर्यटन मंत्री रह चुके हैं।
आचार संहिता उल्लंघन का है मामला
दरअसल गोपालगंज के बरौली विधानसभा से भाजपा विधायक रामप्रवेश राय पर मंत्री पद पर रहते आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था। मामला बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान 10 सितंबर 2010 का है। वो सेमरिया-रूपनछाप में सारण तटबंध पर पहुंचे थे , जहां बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा कटाव निरोधक कार्य कराया जा रहा था। कार्य करा रहे कार्यापालक अभियंता के द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गयी और उनको निर्देश दिया गया। ये आचार संहिता का उलंघन था। जिसके बाद तत्कालीन बीडीओ उदय कुमार तिवारी ने थाने में शिकायत की थी। इसी मामले में रामप्रवेश राय की याचिका कोर्ट ने खारिज की है।
कोर्ट ने लगाई फटकार
गोपालगंज एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने विधायक रामप्रवेश राय को राहत देने से इनकार कर दिया। उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया। जज राकेश मालवीय ने विधायक को फटकार लगते हुए कहा कि आप विधायक हैं। संविधान ने आपको कानून बनाने का अधिकार दिया है। आप ही कानून तोड़ेंगे और आप राहत खोजेंगे, यह कैसे संभव है। इसके बाद विधायक रामप्रवेश राय की मुश्किलें बढ़नी तय है।