बिहार में सरकारी स्कूल का ध्यान आते ही बदहाली की तस्वीर आंखों के सामने अपने आप आ जाती है। टूटे-फूटे क्लासरूम, खराब व्यवस्था, क्लास में बच्चों का हल्ला करना, कहीं बच्चे झाड़ू-पोछा कर रहे…तो कुछ स्टूडेंट्स वाशरूम साफ कर रहे। वहीं, पढ़ाने से ज्यादा अपने कामों में व्यस्त रहनेवाले शिक्षक…और नशेड़ी शिक्षक। लेकिन जमुई के एक सरकारी स्कूल को देखते ही ये सारी धारणा आपकी बदल जाएगी। इस स्कूल में जिस तरह की व्यवस्थाएं हैं वो प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रही हैं।
जमुई जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर बरहट प्रखंड के सरकारी स्कूल शुक्रदास यादव मेमोरियल राजकीय उच्च विद्यालय की तस्वीर अब पूरी तरह बदल चुकी है। जहां कई सरकारी स्कूलों में पंखों तक की व्यवस्था नहीं होती है वहीं इस स्कूल की कक्षाओं में एसी लगे हुए हैं। लिहाजा जहां पहले स्कूल में छात्रों की उपस्थिति सिर्फ 40 फीसदी रहती थी वो बढ़कर 80 फीसदी पहुंच गयी है।
स्कूल में छात्रों की पढ़ाई के लिए सभी आधुनिक संसाधनों की व्यवस्था की गयी है। छात्रों की आधुनिक तकनीक से पढ़ाई के लिए एलसीडी स्क्रीन, स्मार्ट बोर्ड, प्रॉजेक्टर सहित अन्य संसाधनों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा स्कूल में आधुनिक कम्प्यूटर लैब भी है। वहीं वाई-फाई और सीसीटीवी की भी व्यवस्था की गई है।
दरअसल अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस केके पाठक ने ग्रामीण इलाकों के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को ये निर्देश दिए थे कि वे अपने कोष से विद्यालय में आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था करें। इस निर्देश के अमल में आते ही जमुई के इस सरकारी स्कूल की व्यवस्था हाई-टेक हो चुकी है और स्कूल का कायाकल्प हो गया है।