बिहार में शिक्षकों को एक बार फिर से निराशा हाथ लग सकती है। त्योहारों में शिक्षकों का घर एक बार फिर से सूना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की सैलरी फिर अटक सकती है। फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार (FUTAB) ने इस बात की आशंका जताई है। उनका कहना है कि शिक्षकों के वेतन में एक बार फिर देरी हो सकती है।
दरअसल, साल 2022 और 2023 में कई शिक्षकों को त्योहारों के मौसम में वेतन से वंचित रहना पड़ा था। ऐसे में कई प्रमुख संगठनों ने आशंका जताई है कि इस साल भी यही दोहराया जा सकता है। इसके पीछे की वजह है 2024-25 के लिए बजटीय अनुदान कब दिया जाएगा इसकी कोई सीमा अवधि नहीं रखी है। जिसके कारण वेतन में एक बार फिर देरी हो सकती है।
गौरतलब हो कि 11 सितंबर को विश्लविद्यालयों को मिली चिट्ठी में कहा गया है कि वो विभाग के पोर्टल पर वर्किंग और रिटायर्ड गेस्ट टीचरों का वेतन डाटा अपलोड करें। शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने विश्वविद्यालयों को लिखित तौर से कहा है कि मौजूदा समय में सभी विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का डेटा अपलोड किया जा चुका है। लेकिन पेंशन पाने वाले और गेस्ट टीचरों का डेटा अब तक अपलोड नहीं किया गया है। जिसके कारण सैलरी में देरी हो सकती है।