रांची (Ranchi) में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत चारा घोटाले (fodder scam) से संबंधित एक मामले में अपना फैसला सुना दी है। इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मुख्य आरोपियों में से एक थें। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव करोड़ों रुपये के घोटाले से जुड़े चार मामलों में दोषी थें। वह डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष आज पेश हुए थें।
लालू प्रसाद को दोषी करार
चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को दोषी करार दिया गया है। अदालत ने सारे तथ्यों और सबूतों के आधार पर राजद सुप्रीमो को लालू यादव को दोषी करार दिया गया है। 21 फरवरी को सजा का ऐलान किया जाएगा। लालू प्रसाद समेत 41 लोगों की सजा पर 21 फरवरी को ऐलान किया जाएगा। नंदकिशोर प्रसाद को तीन साल की सजा और पचास हजार जुर्माना लगाया गया है। संदीप मल्लिक को तीन साल की सजा और एक लाख रूपये का जुर्माना लगा है। कोर्ट ने 24 लोगों को रिहा किया गया है। अब कोर्ट को ऊपर निर्भर है कि लालू यादव को क्या सजा मिलती है।
950 करोड़ रुपये का चारा घोटाला
लालू प्रसाद को अब तक करोड़ों रुपये के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। चारा घोटाले के चार मामलों में राजद सुप्रीमो- देवगढ़, चाईबासा, रांची के डोरंडा कोषागार और दुमका मामले में 950 करोड़ रुपये का चारा घोटाला बिहार में पशुपालन विभाग में हुआ जब प्रसाद मुख्यमंत्री थे। 37.67 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से निकासी से जुड़े चाईबासा कोषागार मामले में लालू को पहली बार 2013 में दोषी ठहराया गया था। उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उसी साल दिसंबर में जमानत दे दी थी। देवघर कोषागार से 89.27 लाख रुपये की धोखाधड़ी से निकासी से संबंधित दूसरे मामले में उन्हें 2017 में फिर से दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उन्हें 3.5 साल के लिए जेल भेज दिया गया।