आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (national executive) की बैठक पटना के होटल मौर्य (Hotel Maurya) में संपन्न हुई। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कार्यकारिणी बैठक का उद्घाटन किया। इस मौके पर उनके साथ छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा बड़ी बेटी मीसा भारती और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी मौजूद थें। बैठक में एलान किया गया की 11 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस तारीख को चुनने के पीछे राजद सुप्रीमों की एक सोंची समझी रणनीति है।
राजनीति की शुरुआत
आईये जानते हैं कि राजद सुप्रीमो ने इस तारीख को क्यों चुना। दरअसल लालू यादव का इस दिन के साथ गहरा जुड़ाव रहा है। इस दिन लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है। लालू यादव ने अपने राजनीति की शुरुआत जेपी के आंदोलन के साथ शुरू की थी। लालू यादव जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले आंदोलन में शामिल हो गए थें। लालू इस आंदोलन के सबसे अहम युवा नेता थें।
लालू यादव राजनीति में सक्रिय हुए
जीपी आन्दोलन बिहार का सबसे बड़ा आन्दोलन था जिसने इंदिरा गांधी की सरकार को भी हिला दिया था। यह जयप्रकाश नारायण ही थें जिन्होंने उस समय की सबसे ताकतवर नेता इंदिरा गांधी से लोहा लेने की ठानी और उनके शासन को हिला भी दिया। 1974 में बिहार के छात्रों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरूद्ध आंदोलन छेड़ दिया था।
29 साल की उम्र में सांसद
लालू यादव उस वक्त पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष थें। इस आन्दोलन में लालू यादव ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। यहीं से लालू यादव राजनीति में सक्रिय हुए और नेता बनें। आगे चल कर लालू यादव राष्ट्रीय स्तर के नेता हुए। बिहार के मुख्यमंत्री रहें, रेल मंत्री बनें। इस आंदोलन के कारण इंदिरा गांधी को आपातकाल लगाना पड़ गया था। साल 1977 में आपातकाल के बाद हुए आम चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर लालू छपरा से जीत कर 29 साल की उम्र में सांसद बने। उन्होंने एक ऐसी पार्टी बनायीं जो आज बिहार में दूसरे नंबर पर है। सरकार में भले ही राजद नहीं है लेकिन ये बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी है। राजद सुप्रीमो ने इस तारीख से गहरा लगाव है इसलिए राजद पार्टी अब 11 अक्टूबर के दिन हीं पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष देना चाहती है।