शराब को लेकर बिहार में सख्त कानून है। वहीं शराब माफिया भी अलग-अलग जुगत लगा कर शराब की तस्करी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जहरीली शराब से लगातार मौत की भी खबर सामने आती रहती है। सीएम नीतीश भी शराबबंदी को सफल बनाने की अपील करते रहे है। शासन प्रशासन पूरा महकमा इसे सफल बनाने में लगा है।
शराब के कार्टन इलेक्ट्रिक्स गुड्स के नाम से
वहीं अब शराब के धंधेबाज ट्रेनों से शराब का खेप पहुंचाने के लिए अब नया पैतरा आजमाने लगे हैं। शराब माफियाओं द्वारा अब पार्सल के द्वारा ट्रेनों से शराब का खेप पहुंचाया जा रहा है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर का है। जहां जंक्शन पर दिल्ली से आने वाली ट्रेन से शराब की पार्सल भेजी गई थी लेकिन पार्सल उतर नहीं सकी और ट्रेन समस्तीपुर चली गई। उसके बाद समस्तीपुर जंक्शन से फिर से पार्सल बुक की गई ताकि मुजफ्फरपुर खेप पहुंचाई जा सके। पवन एक्सप्रेस द्वारा शराब के पार्सल को इलेक्ट्रिक्स गुड्स के नाम से मुजफ्फरपुर भेजा गया था। शराब के कार्टन इलेक्ट्रिक्स गुड्स के नाम से दिल्ली स्टेशन से बुक किये गए थें। जिसकी डिलेवरी मुजफ्फरपुर में होनी थी।
चार डब्बों में 91 बोतल शराब
जिसे देर रात शराब लेने के लिए दो धंधेबाज जंक्शन पर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि शराब की डिलीवरी दोनों को मिली थी। इसके बाद दोनों धंधेबाज ठेला वाले को शराब का कार्टन अहियापुर पहुंचाने का आर्डर देकर आगे बढ़ गए। इसी दौरान आरपीएफ के एक जवान की नजर पार्सल पर पड़ गई। जिसके बाद उसने ठेला चालक को रोका। जवान ने कार्टन में बोतल होने की आशंका जताई। इस बीच डिलीवरी लेने पहुंचे दोनों धंधेबाज फरार हो गया। जांच में शराब की पुष्टि हुई। इसके बाद सभी कार्टन जीआरपी को सौंप दिया गया। बताया गया कि चार डब्बों में 91 बोतल शराब थी। थानेदार दिनेश कुमार साहू ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है। डिलीवरी पर्ची के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
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