बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक बयान में कहा कि भाजपा कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही है। बिहार विधानसभा और विधान परिषद में दो-दो बार सर्वसम्मत प्रस्ताव भाजपा की सहमति एवं भाजपा जदयू की सरकार के कार्यकाल में ही पारित हुआ। वहीं उन्होंने कहा कि राजद – कांग्रेस के कार्यकाल में कभी यह प्रस्ताव क्यों नहीं आया?
भाजपा विरोध में होती तो जनगणना असंभव
महाराष्ट्र और उड़ीसा विधानसभा से भी सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित हुआ जहां भाजपा महत्वपूर्ण दल था। यदि भाजपा विरोध में होती तो भाजपा कभी अपने वरिष्ठ मंत्री जनक राम एवं झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को प्रधानमंत्री से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं कराती। वहीं राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि 2004 से 2014 तक राजद केंद्र सरकार में थी तो उस वक्त राजद ने 2011 की जनगणना में जाति का एक कॉलम क्यों नहीं जुड़वाय दिया? भाजपा यदि विरोध में होती तो 2011 की सामाजिक आर्थिक जातिय जनगणना केंद्र के लिए कराना असंभव हो जाता। राजद अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करें। साथ ही सुशील मोदी ने कहा कि राजद का पुराना इतिहास रहा है कि पंचायत और नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए चुनाव करा दिया था।
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