बिहार के जमुई जिले से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है जहां एक शिक्षिका जॉइनिंग होने से एक दिन पहले ही रिटायर हो गई। यह पूरा मामला जमुई जिले के खैरा प्रखंड का है। पीड़ित शिक्षिका का कहना है कि सिद्धाथ जी सिर्फ बड़ी बड़ी बातें कहते है। उनके कथनी और करनी में काफी फर्क है। आज मेरे साथ जो हुआ अगर केके पाठक सर होते तो कभी ऐसा नहीं होता।
दरअसल, यह पूरा मामला खैरा प्रखंड अंतर्गत प्लस टू हाई स्कूल शोभाखन का है। उन्होंने साल 2006 में पंचायत शिक्षिका के तौर पर योगदान दिया था। 6 मार्च 2014 को टीईटी पास शिक्षिका के रूप में हाई स्कूल में योगदान दिया था। 30 दिसंबर 2024 को विभाग ने उन्हें एचएम शिक्षिका के रूप में उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा था। साथ ही उन्हें एक से 7 जनवरी के बीच हाई स्कूल में योगदान करने को लेकर विभाग की ओर से नियुक्ति पत्र भी सौंपा। लेकिन वह 31 दिसंबर को ही रिटायर हो गई।
वहीं, रिटायर होने वाली शिक्षिका अनिता कुमारी ने बताया कि विभाग का नियम है कि 60 साल की उम्र में सेवानिवृत होना होता है। लेकिन दुख इस बात का है कि 2024 में साक्षमता परीक्षा पास करने के बावजूद एक दिन के लिए भी उन्हें एचएम नहीं बनाया गया। रिटायर शिक्षिका अनिता कुमारी ने बताया कि सक्षमता परीक्षा मार्च में ही पास किए थे। लेकिन विभाग की लापरवाही देखिए की 9 महीने बीत जाने के बावजूद उन्हें योगदान देने का लेटर इशू नहीं किया गया। जब रिटायर हुए तो उन्हें एक से सात के बीच में जॉइनिंग लेटर मिला। शिक्षिका ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग से अपील की है कि आगे कोई भी शिक्षक व शिक्षिका के साथ इस तरह की घटना नहीं हो इसका ख्याल विभाग को रखना चाहिए।