सहरसा के नवहट्टा थाना क्षेत्र में एक दिलचस्प और विवादास्पद घटना सामने आई है, जहां पुलिस थाने के बाहर एक शख्स की दो पत्नियां आपस में भिड़ गईं। यह घटना तब घटी जब पहली पत्नी अपने 4 साल के बेटे के साथ थाने पहुंची और अपनी सौतन को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद दोनों के बीच गाली-गलौज हुई, और पुलिस ने दूसरी पत्नी को वहां से हटाकर पुलिस गाड़ी में बैठा दिया। यह पूरा हंगामा सोनू झा नामक व्यक्ति की दूसरी शादी को लेकर हुआ, जिसने 10 जनवरी 2025 को अपनी प्रेमिका से शादी की थी।
सहरसा के सोनू झा ने 2019 में पहली पत्नी कल्पना से शादी की थी और 2020 में उनके एक बेटे का जन्म हुआ था। इसके बाद, जब पत्नी मायके चली गई और वापस नहीं आई, तो सोनू ने सोशल मीडिया पर एक अन्य लड़की से बातचीत शुरू की। इस दौरान उसे पता चला कि यह लड़की भी सहरसा की है। 2021 में, इस लड़की को सोनू के पहले से शादीशुदा होने की जानकारी मिली, लेकिन इसके बावजूद दोनों के बीच बातचीत जारी रही। 2022 में पहली पत्नी ने उस लड़की को फोन कर गालियां देना शुरू कर दी, जिससे परेशान होकर सोनू ने लड़की से शादी कर ली।
दूसरी पत्नी ने पुलिस को बताया कि उसने और सोनू ने 10 जनवरी को सहरसा के मत्स्यगंधा मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी की थी। दूसरी पत्नी का दावा है कि यह उनकी स्वेच्छा से की गई शादी है और सबकुछ साफ-साफ था।
पहली पत्नी का गुस्सा
जब पहली पत्नी को इस शादी के बारे में पता चला, तो वह अपने बेटे के साथ पुलिस थाने पहुंच गई और हंगामा शुरू कर दिया। उसने अपनी सौतन को थप्पड़ मारा और गुस्से में कहा कि उसने किसी और के पति को कैसे अपना लिया। इसके बाद पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और दूसरी पत्नी को थाने से बाहर कर दिया।
सोनू का बचावसोनू का बचाव
सोनू ने अपनी पहली पत्नी के खिलाफ बचाव करते हुए कहा कि उनकी पत्नी मायके में रह रही थी और वह पिछले चार साल से ससुराल नहीं आई थी। इसके बाद उनकी दोस्ती दूसरी पत्नी से हुई, जो बाद में प्यार में बदल गई और अंत में शादी में परिवर्तित हो गई।
सहरसा सदर थाना अध्यक्ष, सुबोध कुमार ने बताया कि दूसरी पत्नी को सकुशल बरामद कर लिया गया है। महिला के लापता होने की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मामले की पूरी छानबीन के बाद महिला के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना सहरसा में परिवार और रिश्तों के जटिल पहलुओं को उजागर करती है, जिसमें एक व्यक्ति की दो शादी और उससे जुड़ी भावनात्मक और कानूनी उलझनों का सामना करना पड़ा। इस घटनाक्रम ने यह सवाल उठाया है कि दो शादियां और पारिवारिक विवाद किस हद तक समाज और कानून के भीतर समायोजित हो सकते हैं। पुलिस जांच और अदालत की कार्रवाई के बाद ही मामले का समाधान निकल सकेगा।